Published - 19 Oct 2021
by Tractor Junction
बंगाल की खाड़ी में उठे चक्रवात के कारण हुई बारिश से कई राज्यों में किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचा है। इसमें यूपी में धान और गन्ने की फसल को नुकसान हुआ है। ऐसे में यूपी की योगी सरकार ने दो लाख किसानों को मुआवजा देने का फैसला किया है। इसके लिए 68 करोड़ रुपए रुपए की राशि निर्धारित की गई है। यानि ऐसे दो लाख किसानों को 68 करोड़ का मुआवजा वितरित किया जाना है। बता दें कि यूपी सरकार के निर्देश पर बारिश के चलते धान व गन्ना आदि फसलों के हुए नुकसान का आकलन शुरू किया गया था जिसके पूरा होने के बाद प्रदेश में करीब दो लाख किसान ऐसे पाए गए हैं, जिनकी फसल हालिया अतिवृष्टि/बाढ़ के कारण खराब हो गई। कृषि और राजस्व विभाग के सर्वेक्षण के बाद अब जल्द ही मुआवजा वितरण भी शुरू हो जाएगा।
मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार अभी पिछले दिनों ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उच्चस्तरीय बैठक में फसल क्षतिपूर्ति आकलन की प्रगति की समीक्षा की। अधिकारियों ने बताया है कि बाढ़ और अतिवृष्टि से कृषि फसलों को हुए नुकसान का आकलन पूरा हो गया। करीब दो लाख किसान ऐसे चिन्हित किए गए हैं, जिनकी कृषि उपज बाढ़ के कारण खराब हुई है। मुआवजे के एवज में इन किसानों को करीब 68 करोड़ की धनराशि दी जाएगी। सीएम योगी ने कहा कि एक भी पात्र किसान क्षतिपूर्ति से वंचित न रहे। हर तरह की कृषि उपज के नुकसान की भरपाई की जाएगी।
बेमौसम की बारिश से खेती किसानी को भारी नुकसान हो रहा है। अभी तक किसानों की सैकड़ों बीघा फसल खराब हो चुकी है। प्रदेश सरकार की ओर से किसानों को फसल को हुए नुकसान का मुआवजा देने का फैसला कुछ हद तक उनके नुकसान की भरपाई कर सकता है। बता दें कि मौसम विभाग ने कई दिन पहले ही 16 से 19 अक्टूबर के बीच कई राज्यों में भारी बारिश, तेज हवा, गरज और बिजली कडक़ने की आशंका जताते हुए अलर्ट जारी किया था। पूर्वानुमान के मुताबिक ही दिल्ली, यूपी समेत देश के कई राज्यों में बेमौसम बारिश ने भारी तबाही मचाई है। धान समेत खरीफ की दूसरी फसलों की कटाई कर रहे किसानों के लिए मौसम का बदला रुख आफत बन गया है। यूपी, बिहार में ज्यादातर किसानों का धान अभी खेत में लगा है। जबकि हरियाणा-पंजाब में कटाई आखिरी चरण में है। मौसम के जानकारों के मुताबिक 16 अक्टूबर से शुरु हुई बारिश से खेत में लगी फसल को भारी नुकसान हुआ है।
यूपी ज्यादातर किसान धान की खेती करते हैं। इस बार करीब प्रदेश में 60 लाख हेक्टेयर में धान लगाया गया है। जबकि वर्ष 2020-21 में 59.41 लाख हेक्येटर में धान की खेती हुई थी, इस बार धान का रकबा बढ़ा पर ऐसे में बेमौसमी बारिश के कारण खेत में पानी भर गया और किसानों की धान की फसल को भारी नुकसान हुआ है। इसके अलावा खेत में लगी गन्ना की फसल को नुकसान पहुंंचा है। किसानों की मानेंं तो अक्टूबर के पहले हफ्ते में हुई बारिश के चलते पहले ही फसल में देरी और नुकसान हुआ है अब रही सही कसर ये बारिश निकाल रही है। बारिश से सिर्फ धान ही नहीं उड़द की फसल को भी नुकसान हो रहा है।
प्रदेश में धान की फसल को भारी नुकसान हुआ है। इसके चलते प्रदेश में धान की खरीद प्रभावित होगी। बता दें कि इस बार राज्य की योगी सरकार ने किसानों से 70 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद का लक्ष्य तय किया है। लेकिन धान की फसल को हुए भारी नुकसान से धान की खरीद का तय लक्ष्य पूरा होता नजर नहीं आ रहा है।
किसानों की सुविधा के लिए यूपी में धान की एमएसपी पर खरीद के लिए प्रदेश सरकार ने 4 हजार खरीद केंद्र बनाए हैं। इनमें से कई खरीद केंद्रों पर धान की एमएसपी पर खरीद की जा रही है। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की ओर से तय किए समय अनुसार लखनऊ संभाग के जनपद हरदोई, लखीमपुर, तथा संभाग बरेली, मुरादाबाद, मेरठ, सहारनपुर, आगरा, अलीगढ़, झांसी में धान की खरीद शुरू हो चुकी है और ये खरीद 31 जनवरी 2022 तक चलेगी।
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की ओर से तय किए समय अनुसार लखनऊ संभाग के जनपद लखनऊ, सीतापुर, रायबरेली, उन्नाव व चित्रकूट, कानुपर, अयोध्या, देवीपाटन, बस्ती, गोरखपुर, आजमगढ़, वाराणसी, मिर्जापुर एवं प्रयागराज मंडलों में 1 नवंबर 2021 से खरीदी शुरू हो जाएगी जो 28 फरवरी 2022 तक चलेगी।
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