प्रकाशित - 15 Mar 2025
ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
Purchase of wheat at MSP : किसानों से गेहूं की सरकारी खरीद के लिए राज्य सरकारें, इसकी तैयारियाें में जुट गई हैं। किसानों को अपनी फसल का उचित मूल्य मिल सके, इसके लिए सरकार की ओर से प्रयास किए जा रहे हैं। कई राज्यों ने किसानों से बढ़े हुए न्यूनतम समर्थन मूल्य (Minimum Support Price) यानी एमएसपी (MSP) के साथ बोनस का लाभ किसानों को देने का ऐलान किया है। इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से 17 मार्च 2025 से गेहूं की खरीद किए जाने का ऐलान किया है। प्रदेश सरकार ने रबी विपणन वर्ष 2025–26 के लिए मूल्य समर्थन योजना के अंतर्गत प्रस्तावित गेहूं क्रय नीति को स्वीकृति प्रदान कर दी है। इस नीति के तहत किसानों को एमएसपी (MSP) पर अपना गेहूं बेचने के लिए पहले इसका सत्यापन कराना होगा, उसके बाद ही उनसे एमएसपी पर गेहूं की खरीद की जा सकेगी। इसके अलावा भी एमएसपी पर फसल बेचने वाले किसानों लिए कुछ निर्देश जारी किए गए हैं जिसकी किसानों को जानकारी होनी चाहिए ताकि जब वे न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचने के लिए मंडी जाएं तो उन्हें किसी प्रकार की असुविधा न हो।
यूपी सरकार की ओर से केंद्र सरकार की ओर से घोषित किए गए 2425 रुपए प्रति क्विंटल की दर से किसानों से गेहूं की खरीद की जाएगी। सरकार द्वारा स्वीकृत नीति के अनुसार किसानों को मूल्य समर्थन योजना का अधिक से अधिक लाभ दिलाने के लिए क्रय केंद्रों पर गेहूं लेकर आने की स्थिति में एमएसपी पर गेहूं की खरीद सुनिश्चित की जाएगी। इस साल यूपी में 8 क्रय एजेंसियों द्वारा 6500 खरीद केंद्रों पर गेहूं की खरीद की जाएगी। इसके तहत खाद्य विभाग की विपणन शाखा द्वारा 1250 खरीद केंद्र, उत्तर प्रदेश सहकारी संघ द्वारा 3300 खरीद केंद्र, उत्तर प्रदेश राज्य कृषि उत्पादन मंडी परिषद द्वारा 100 खरीद केंद्र, उत्तर प्रदेश को–ऑपरेटिव यूनियन द्वारा 700 खरीद केंद्र, उत्तर प्रदेश उपभोक्ता सहकारी संघ द्वारा 350 खरीद केंद्र, भारतीय राष्ट्रीय उपभोक्ता सहकारी संघ मर्यादित द्वारा 100 खरीद केंद्र तथा भारतीय खाद्य निगम द्वारा 400 खरीद केंद्र बनाए जाएंगे।
रबी मार्केटिंग सीजन 2025–26 के तहत यूपी सरकार की ओर से गेहूं की खरीद 17 मार्च 2025 से शुरू होगी जो 15 जून 2025 तक जारी रहेगी। किसानों को सुविधा प्रदान करने के लिए रविवार व राजपत्रित अवकाशों को छोड़कर, दूसरे शनिवार, स्थानीय अवकाश और शेष कार्य दिवसों में गेहूं खरीद केंद्र खुले रहेंगे जिसमें किसान अपना गेहूं बेच सकेंगे। जिलाधिकारी रविवार को छोड़कर अन्य राजपत्रित अवकाश के दिनों में भी लक्ष्य की पूर्ति को दृष्टिगत रखते हुए खरीद केंद्र खुलवा सकेंगे। खरीद केंद्र पर गेहूं की खरीद “पहले आओ-पहले पाओ” के सिद्धांत पर की जाएगी। लेकिन यदि किसी खरीद केंद्र पर उसकी दैनिक खरीद क्षमता से अधिक किसान पहुंचते हैं तो किसानों को सुविधा के लिए ऑफ लाइन टोकन की व्यवस्था की जाएगी।
राज्य सरकार ने किसानों के लिए गेहूं का सत्यापन करना जरूरी कर दिया है। गेहूं की उपज के आंकलन के लिए किसान द्वारा जितनी भूमि पर गेहूं बोया गया है, उसका ऑनलाइन सत्यापन (100 क्विंटल को छोड़कर) राजस्व विभाग से कराए जाने के बाद किसान से गेहूं की खरीद की जाएगी। बटाईदार किसानों द्वारा भी पंजीकरण करते हुए गेहूं की बिक्री की जा सकेगी। बटाईदार व मूल किसान भू–स्वामी के बीच लिखित सहमति से मूल किसान के भूलेख और उसके आधार लिंक्ड मोबाइल पर ओटीपी भेजकर पंजीकरण कराते हुए बटाईदार किसान द्वारा गेहूं को न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी पर बेचा जा सकेगा।
रबी मार्केटिंग सीजन 2025–26 में इलेक्ट्रॉनिक प्लाइंट ऑफ पर्चेज मशीन के जरिये किसानों के बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण द्वारा खरीद केंद्र या मोबाइल क्रय केंद्रों पर गेहूं की खरीद की जाएगी। ई–पॉप मशीन के माध्यम से की गई खरीद के अलावा किसी भी खरीद को मान्यता नहीं दी जाएगी। मोबाइल खरीद केंद्रों पर होने वाली प्रत्येक खरीद का ई–पॉप डिवाइस द्वारा अक्षांश–देशांतर भी कैप्चर किया जाएगा।
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