प्रकाशित - 26 May 2023 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
गेहूं की खेती (wheat farming) करने वाले किसानों के लिए 2022-23 काफी अच्छा साबित हो रहा है। इस वित्तीय सत्र में किसानों को गेहूं के भाव (wheat prices) काफी अच्छे मिल रहे हैं। यूक्रेन-रूस युद्ध के बाद से ही गेहूं की कीमत में उछाल देखा गया था जिसका असर अभी तक बना हुआ है। हालांकि बीच में गेहूं के भाव कम भी हुए लेकिन एक बार फिर से गेहूं के भावों में एमएसपी (MSP) की तुलना में 5 प्रतिशत का इजाफा देखा जा रहा है। हालांकि इस बार बेमौसम बारिश से गेहूं की फसल को काफी नुकसान भी हुआ जिससे गेहूं की क्वालिटी (quality of wheat) प्रभावित हुई लेकिन इसका असर गेहूं की कीमतों पर बहुत कम दिखाई दे रहा है। बता दें कि रबी मार्केटिंग सीजन 2023-2024 के लिए गेहूं का न्यूनमत समर्थन मूल्य (MSP of Wheat) 2125 रुपए प्रति क्विंटल तय किया गया है। जबकि ओपन मार्केट में गेहूं का भाव एमएसपी से 5 प्रतिशत ज्यादा है। ऐसे में किसान एमएसपी की जगह ओपन मार्केट में गेहूं बेच रहे हैं। ओपन मार्केट का भाव 2325 रुपए प्रति क्विंटल या इससे अधिक है। इससे पहले अप्रैल माह में ओपन मार्केट में गेहूं का दाम 2600 रुपए के आसपास था। इधर मंडियों में गेहूं की आवक भी अच्छी हो रही है। इस बार गेहूं उत्पादकों को गेहूं की क्वालिटी प्रभावित होने के बाद भी बेहतर भाव मिल रहा है जिससे किसान खुश हैं।
आज हम ट्रैक्टर जंक्शन के माध्यम से आपको देश की प्रमुख मंडियों में गेहूं के भाव, आगे गेहूं को लेकर बाजार का क्या रूख रहेगा और भाव में तेजी बनी रहेगी या गिरावट आएगी आदि के बारे में जानकारी दे रहे हैं।
केंद्र सरकार की ओर से रबी सीजन 2022-23 के लिए 341.5 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके विरूद्ध 23 मई तक केवल 265 टन गेहूं की खरीद एमएसपी पर हुई है। जबकि कई राज्यों में गेहूं की खरीद बंद हो चुकी है। हालांकि सरकार का कहना है कि वह 30 जून तक गेहूं की खरीद जारी रखेगी। अभी केंद्र सरकार की ओर से जो लक्ष्य तय किया गया है उसमें अभी 76.5 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद अभी बाकी है। इसी प्रकार राज्य भी एमएसपी की खरीद में पीछे चल रहे हैं, बात करें यूपी की तो यहां 35 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदने का लक्ष्य तय किया गया है जबकि अब तक यहां 210499 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद ही हुई है। अभी यूपी अपने लक्ष्य से करीब 14 लाख मीट्रिक टन पीछे है। इसी प्रकार पंजाब को भी अपना लक्ष्य पूरा करने के लिए 11 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदना पड़ेगा। वहीं मध्यप्रदेश को अपने निर्धारत लक्ष्य को पूरा करने के लिए 9 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद करनी होगी। इसी प्रकार हरियाणा को अपने तय किए गए लक्ष्य को पूरा करने के लिए 12 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद एमएसपी पर करनी होगी। हालांकि किसान मंडियों में गेहूं लेकर आ रहे हैं और एमएसपी पर भी गेहूं की खरीद हो रही है लेकिन एमएसपी पर गेहूं की खरीद कमजोर दिखाई दे रही है। किसान एमएसपी से ऊपर दाम मिलने के कारण मार्केट में गेहूं बेच रहे हैं।
अब बात करें मंडियों में गेहूं की आवक की तो इस समय मंडियों में एमएसपी से ऊपर रेट मिलने के कारण यहां आवक अच्छी हो रही है। मध्य भारत में सबसे अधिक गेहूं का रेट मध्यप्रदेश की खातेगांव मंडी में था, यहां अधिकतम रेट 2681 रुपए प्रति क्विंटल रहा और इस मंडी में कुल आवक 581 टन रही। इसी अन्य मंडियों में भी गेहूं की आवक बनी हुई है और किसान को अच्छा भाव मिल रहा है। देश की प्रमुख मंडियों में गेहूं का अधिकतम भाव इस प्रकार से है।
बाजार जानकारों के मुताबिक अभी फिलहाल भावों में 200 से 400 रुपए तक की घटत-बढ़त देखी जा सकती हे। लेकिन अभी रिकार्ड तोड़ बढ़ोतरी होने की संभावना नहीं है। देश में गेहूं का उत्पादन अच्छा हुआ है। इसलिए इसमें अधिक उछाल आने की कोई उम्मीद नहीं की जा सकती है, लेकिन यह जरूर कहा जा सकता है कि इस साल गेहूं के भाव एमएसपी (MSP) से ऊपर ही रहेंगे। इसलिए किसानों को चिंता करने की जरूरत नहीं है। उनकी गेहूं की उपज मार्केट में एमएसपी से अधिक दाम पर ही बिकेगी। हालांकि कई राज्यों में गेहूं की एमएसपी पर खरीद बंद हो चुकी है। लेकिन सरकार ने कहा है कि एमएसपी पर गेहूं की खरीद 30 जून तक जारी रहेगी।
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