Published - 09 Nov 2021
by Tractor Junction
औद्योगिक प्रसंस्करण क्षेत्र में हल्दी की मांग बढऩे से इसके भावों में तेजी का रूख दिखाई दे रहा है। हल्दी किसान के लिए एक नकदी फसल होती है। इसकी बाजार मांग हर समय बनी रहती है। अभी दीपावली पर हल्दी की मांग अधिक होने से इसके भावों में तेजी दिखाई दी। अक्सर त्योहारी सीजन में कई फसलों के दाम बढ़ जाते हैं जिनमें टमाटर, प्याज, धनिया सहित अन्य मसालों के दामों में तेजी दिखाई देती है। इस बार भी दीपावली पर ऐसा ही दिखाई दिया बाजार में इसकी मांग बढऩे से पीसी हुई हल्दी भाव 200 रुपए तक पहुंच गए थे। हांलाकि इसके बाद इसके भावों कुछ उतार-चढ़ाव की स्थिति हुई। इसके बाद अब भी रिटेल में ब्रांडेड हल्दी के भाव 150 रुपए किलो बने हुए हैं।
त्योहारी सीजन में कई फसलों और सब्जियों के दाम तेजी से बढ़े हैं। इनमें धनिया, टमाटर, प्याज और अन्य मसालों के दाम तेजी से बढ़े हैं.खेती और औद्योगिक प्रसंस्करण क्षेत्रों में मांग बढऩे से दीवाली में हल्दी की कीमत भी 200 रुपए तक पहुंच गई है। इसी के साथ हल्दी के थोक रेट में 4500 रुपए से बढक़र 8600 रुपए प्रति क्विंटल हो गई। वहीं तमिलनाडु राज्य में हल्दी की कीमत 6,000 रुपए से बढक़र 8,600 रुपए प्रति क्विंटल हो गई।
राज्य में हुई बेमौसम बारिश की वजह से हल्दी के फसल को भारी नुकसान हुआ है। इससे इस बार हल्दी का उत्पादन प्रभावित होने की आशंका जताई जा रही है। बता दें कि इस साल सितंबर और अक्टूबर में हुई भारी बारिश ने फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया। लगातार हो रही बारिश के कारण हल्दी उत्पादक क्षेत्र में जड़ सडऩ और कीटों और बीमारियों के कारण हल्दी को नुकसान पहुंचा है। अनुमान लगाया जा रहा है कि इस साल राज्य में हल्दी के उत्पादन में भी 15 फीसदी की गिरावट हो सकती हैं।
हल्दी की सबसे ज्यादा खेती आंध्र प्रदेश में होती है। इसके बाद ओडीशा और तमिलानाडु का नंबर आता है। महाराष्ट्र में भी हल्दी की खेती की जाती है। आंध्र प्रदेश का देश के हल्दी उत्पादन में करीब 40 फीसदी का योगदान है। तमिलनाडु तीसरे नंबर आता है।
त्योहारी सीजन पर मांग ज्यादा होने से हल्दी के भावों में इजाफा हुआ है। वहीं दूसरी ओर कई राज्यों में बेमौसमी बारिश से हल्दी की फसल को हुए नुकसान से उत्पादन प्रभावित होने की आशंका के चलते भी हल्दी के भावों में तेजी आई है। कई व्यापारी हल्दी का स्टॉक किए हुए है जिसके कारण भी हल्दी के भाव बढ़े है। वहीं यदि हल्दी का उत्पादन में कमी आती है तो आने वाले दिनों में हल्दी के भावों में तेजी बनी रह सकती है।
बाजार जानकारों के अनुसार यदि हल्दी के भाव में तेजी बनी रहती है तो इस साल हल्दी की नई फसल आने पर किसानों को उसके विक्रय से उसकी अच्छी कीमत मिल सकती है। इससे हल्दी उत्पादक किसानों को हुए नुकसान की पूर्ति करने में मदद मिलेगी। ऐसा अनुमान है कि इस बार हल्दी की उत्पादन पिछले साल की अपेक्षा 15 प्रतिशत कम हो सकता है। इसके कारण बाजार में हल्दी के भावों में अधिक गिरावट की कम ही उम्मीद है।
किसानों के सामाने सबसे बड़ी समस्या उपज को स्टोर करने की होती है। यदि किसानों के पास स्टोर करने की अच्छी व्यवस्था हो तो हल्दी सहित अन्य नकदी फसल जैसे गन्ना, कपास तबांकू आदि फसलों से अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है। यदि बाजार में दरें सही नहीं है तो किसान इसे स्टोर करके रख सकता है और जब बाजार में दरें ऊंची हो तो इसे बेच सकता है। इससे किसान को इन उपजों का अधिक मूल्य मिल सकता है।
देश की प्रमुख मंडियों में हल्दी के भाव हल्दी की क्वालिटी के अनुसार अलग-अलग है। नीचे हल्दी के प्रति क्विंटल भाव दिए जा रहे हैं जो इस प्रकार से हैं-
राज्य | जिला | बाजार | वैराइटी | न्यूनतम मूल्य | अधिकतम मूल्य | औसत मूल्य |
---|---|---|---|---|---|---|
कर्नाटक | बीदर | बीदर | हल्दी | 3700 | 6100 | 5700 |
केरल | एर्नाकुलम | मूवत्तुपुझा | सूखी हल्दी | 7200 | 7400 | 7300 |
केरल | इडुक्की | आदिमाली | सूखी हल्दी | 10000 | 10000 | 10000 |
महाराष्ट्र | हिंगोली | हिंगोली | अन्य | 5800 | 6600 | 6200 |
महाराष्ट्र | नांदेड़ | लोहा | राजापुरी | 4500 | 6376 | 5300 |
तमिलनाडु | नमक्कल | नमगिरिपेट्टै | बल्ब | 5970 | 6570 | 6230 |
तमिलनाडु | नमक्कल | नमगिरिपेट्टै | फिंगर | 6320 | 7380 | 6950 |
तमिलनाडु | नमक्कल | तिरुचेंगोडे | फिंगर | 6032 | 6842 | 6500 |
तमिलनाडु | नमक्कल | तिरुचेंगोडे | फिंगर | 6032 | 8699 | 7800 |
तमिलनाडु | सालेम | अट्टुर् | फिंगर | 4700 | 6850 | 5900 |
इरोड और सेलम मंडी में हल्दी की ऑनलाइन जो कीमत चल रही है वे इस प्रकार से है-
इरोड फिंगर 7200 - 7400 रुपए प्रति क्विंटल
इरोड बल्ब 6700 - 6900 रुपए प्रति क्विंटल
सलेम फिंगर 8800 - 9000 रुपए प्रति क्विंटल
मिनी सलेम फिंगर 7400 - 7600 रुपए प्रति क्विंटल
सेलम बल्ब 7200 - 7400 रुपए प्रति क्विंटल
8 नो फिंगर 6500 - 6700 रुपए प्रति क्विंटल
8 कोई बल्ब नहीं 5200 - 5400 रुपए प्रति क्विंटल
नोट - किसी भी तरह ये कीमतें खरीदारों और उत्पाद की गुणवत्ता के आधार पर तय की जाती हैं।
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