सोयाबीन की कीमतों में तेजी : 5700 रुपए प्रति क्विंटल पहुंचा सोयाबीन

Share Product Published - 15 Nov 2021 by Tractor Junction

सोयाबीन की कीमतों में तेजी : 5700 रुपए प्रति क्विंटल पहुंचा सोयाबीन

जानें, सोयाबीन के भावों में तेजी-मंदी का गणित

दीपावली के बाद से सोयाबीन के भावों में तेजी बनी हुई है। 15 नवंबर को सोयाबीन के भाव एनसीईडीएक्स पर 200 रुपए तेज रहे और 5700 रुपए के आसपास कारोबार हुआ। पिछले साल सोयाबीन का उत्पादन कम होने से सोयाबीन उत्पादक किसानों को सोयाबीन की फसल के ज्यादा भाव मिले थे। सोयाबीन 11000 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से बिक गया था। इस साल सोयाबीन का उत्पादन पिछले साल से ज्यादा हुआ है। नई फसल आने के बाद से भावों में लगातार तेजी बनी हुई है। सोयाबीन की नई फसल की आवक के समय जहां भाव 4300 रुपए प्रति क्विंटल थे, वहीं वर्तमान में भाव 5700 रुपए प्रति क्विंटल बने हुए हैं। बाजार विशेषज्ञों के अनुसार भविष्य में सोयाबीन के भाव 7 हजार रुपए प्रति क्विंटल तक पहुंच सकते हैं। ट्रैक्टर जंक्शन की इस पोस्ट में समझते हैं सोयाबीन के भाव 2021 में तेजी और मंदी का गणित, भविष्य में क्या रहेंगे सोयाबीन के भाव।

Buy Used Tractor

जानें, 14 फीसदी ज्यादा सोयाबीन का उत्पादन का कीमतों पर क्या पड़ेगा असर

पिछले साल खराब मौसम, कीटों के हमले और रकबे की कमी के कारण सोयाबीन का उत्पादन कम हुआ था। गत वर्ष सोयाबीन का कुल उत्पादन 104.55 लाख टन हुआ था। इस साल कीमतों में तेजी को देखते हुए सोयाबीन की बुवाई का रकबा बढ़ा है और उत्पादकता में सुधार की संभावना के चलते सोयाबीन का उत्पादन 14 प्रतिशत बढक़र 119 लाख टन अधिक होने का अनुमान है।  

इंदौर स्थित सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सोपा) की मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट्स के अनुसार पिछले साल खरीफ सीजन में सोयाबीन का कुल रकबा 118.383 लाख हेक्टेयर रहा था। साल 2021 में सोयाबीन फसल का कुल रकबा 119.984 लाख हेक्टेयर है, जबकि राज्य सरकार का क्षेत्रफल अनुमान 123.677 लाख हेक्टेयर है। सोपा के अनुसार, वर्ष 2021 में भारत में सोयाबीन की फसल का अनुमानित कुल उत्पादन 118.889 लाख टन है, जो पिछले साल की तुलना में 14.337 लाख टन (13.71 प्रतिशत) अधिक है। बाजार विशेषज्ञों के अनुसार सोयाबीन के भाव अन्य तिलहन फसल के उत्पादन पर भी निर्भर करेंगे। अगर रबी सीजन में सरसों का उत्पादन कम होता है तो सोयाबीन के भावों में एक बार फिर तेजी देखने को मिल सकती है। इसके अलावा विश्व स्तर पर सोयाबीन का उत्पादन भी सोयाबीन के भावों में तेजी व मंदी की दिशा तय करेगा।

सोयाबीन उत्पादन में मध्यप्रदेश अव्वल, महाराष्ट्र को पीछे छोड़ा

सोयाबीन एक प्रमुख तिलहन फसल है जो खरीद सीजन में उगाई जाती है। देश में मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र सबसे ज्यादा सोयाबीन उत्पादक राज्य हैं। इस साल कुल अनुमानित उत्पादन 119 लाख टन में से मध्यप्रदेश में 52.3 लाख टन और महाराष्ट्र में 48.3 लाख टन उत्पादन का अनुमान है। पिछले साल मध्यप्रदेश में 41.8 लाख टन और महाराष्ट्र में 45.44 लाख टन सोयाबीन का उत्पादन हुआ था। इस प्रकार मध्यप्रदेश में सोयाबीन उत्पादन में महाराष्ट्र को पीछे छोड़ दिया है। यहां आपको बता दें कि मध्यप्रदेश सोयाबीन उत्पादक सबसे बड़ा राज्य है। पिछले साल मौसम, फसलों में बीमारी और कम रकबे के कारण मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र से पिछड़ गया था। इस साल मध्यप्रदेश पुन: सबसे बड़ा सोयाबीन उत्पादक राज्य बनकर उभरा है। मध्यप्रदेश के किसान खरीफ सीजन में बहुत बड़े पैमाने पर सोयाबीन की खेती करते हैं। 

प्रति हेक्टेयर सोयाबीन का रकबा बढ़ा

सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सोपा) के अनुसार इस बार अच्छे मानसून के कारण सोयाबीन का रकबा बढ़ा है। इससे प्रति हेक्टेयर उत्पादन की बढऩे की उम्मीद है। हालांकि मानसून के अंतिम चरण में कुछ जगहों पर भारी बारिश से सोयाबीन की फसल को नुकसान पहुंचा था। सोपा क अनुसार वर्ष 2021 के लिए सोयाबीन की औसत उपज 991 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर अनुमानित है, जबकि वर्ष 2020 के दौरान 883 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर थी। 

सोयाबीन के समर्थन मूल्य से ज्यादा हैं बाजार भाव

सोयाबीन की नई फसल आने के बाद से ही सोयाबीन के बाजार भाव न्यूनतम समर्थन मूल्य से अधिक रहे हैं। केंद्र सरकार ने वर्ष 2021-22 के खरीफ मार्केटिंग सीजन के लिए सोयाबीन का न्यूनतम समर्थन मूल्य 3950 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया है। जबकि पिछले साल सोयाबीन का एमएससपी 3880 रुपए प्रति क्विंटल था। सोयाबीन की नई फसल आने पर सोयाबीन के बाजार भाव 4300-4500 रुपए प्रति क्विंटल रहे जो अब दीपावली के बाद 5500-5700 रुपए के आसपास चल रहे हैं। देश में सोयाबीन की औसत उत्पादकता प्रति हेक्टेयर 12.25 प्रतिशत अधिक रहने की संभावना है। 

Tractor Junction Mobile App

सोयाबीन स्टॉक करने वाले किसानों को मिल सकता है ज्यादा फायदा

बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि जो किसान सोयाबीन को अभी नहीं बेचकर उसे रोककर रखेगा, उसे भविष्य में अच्छा फायदा मिलेगा। महाराष्ट्र की लातूर मंडी में सोयाबीन की आवक सीजन में भी मात्र 11 हजार क्विंटल बनी हुई जबकि पिछले साल इन्हीं दिनों में सोयाबीन की आवक 40-45 हजार क्विंटल प्रतिदिन थी। लातूर कृषि उपज मंडी में सोयाबीन की कीमतों में वृद्धि देखी गई है और वर्तमान में भाव 5500 रुपए प्रति क्विंटल के आसपास चल रहे हैं। अगर सोयाबीन की कीमतों में ऐेसे ही तेजी जारी रही तो भंडारण करने वाले किसानों को फायदा पहुंचेगा। 

देश की विभिन्न मंडियों में सोयाबीन के न्यूनतम और अधिकतम भाव

उज्जैन मंडी 4085-5330, रतलाम मंडी 3180-5250, हरदा मंडी 4515-5260, विदिशा मंडी 4375-5310, अमरावती 3895-4930, महाराष्ट्र-जालना 4040-4900, बारा मंडी 5085-5570, करंजा मंडी- महाराष्ट्र 3635-4950, बदनावर मंडी 3520-5130, इंदौर मंडी 4915-5410, बासवाड़ा मंडी 5125-5530, मंदसौर मंडी 4065-5310, गुजरात राजकोट 4345-5130, उतरप्रदेश ललितपुर 4560-5350, कोटा मंडी 4835-5590, मांलगढ़ राजस्थान 4995-5570, बिहार बेगूसराय 3480, महरौनी 6015, दिल्ली मंडी सोयाबीन भाव 7325, कानपुर 5120 रुपए प्रति क्विंटल।

 

अगर आप अपनी ऑफर का जमकर कृषि भूमि, अन्य संपत्ति, पुराने ट्रैक्टर, कृषि उपकरण, दुधारू मवेशी व पशुधन बेचने के इच्छुक हैं और चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा खरीददार आपसे संपर्क करें और आपको अपनी वस्तु का अधिकतम मूल्य मिले तो अपनी बिकाऊ वस्तु की पोस्ट ट्रैक्टर जंक्शन पर नि:शुल्क करें और ट्रैक्टर जंक्शन के खास फायदा उठाएं।

Quick Links

Call Back Button
scroll to top
Close
Call Now Request Call Back