Published - 05 Oct 2021 by Tractor Junction
बारिश थमने के साथ ही मंडियों में सोयाबीन की आवक बढऩे लगी है। जानकारी के अनुसार सितंबर में बारिश के आखिरी दौर के बाद मंडियों में सोयाबीन की आवक में बढ़ोतरी हुई है। हालांकि पिछले सप्ताह गुलाब चक्रवात के कारण खेतों में फसल कटाई शुरू नहीं हो पाई थी। लेकिन बारिश का दौर रूकने के साथ ही मंडियों में सोयाबीन की खेप पहुंचना शुरू हो गई है। इससे मंडी व्यापारियों और किसानों दोनों में उत्साह दिखाई दे रहा है। इसी के साथ किसानों को सोयाबीन के अच्छे भाव भी मिल रहे हैं जिससे किसान उत्साहित हैं।
उम्मीद है कि इस बार भारी मात्रा में सोयाबीन मंडियों में पहुंच सकता है। बात दें कि पिछले माह सितंबर में सोयाबीन का भाव 9600 रुपए पहुंच गया था। हालांकि इसके बाद इसके भावों में कमी देखी गई है। इसके बावजूद ये कहा जा सकता है कि पिछले वर्ष की तुलना में इस बार सोयाबीन का बाजार अच्छा चल रहा है। व्यापारियों का मानना है कि वर्तमान में देश की सभी मंडियों में लगभग 8300 रुपए के आसपास सोयाबीन का भाव बना हुआ है जो 100-200-300 ऊपर नीचे उतार-चढ़ाव के साथ बना हुआ नजर आ सकता है। मंडी भाव जानकारों और व्यापारी वर्ग के अनुमान से बताया जा रहा है कि इस वर्ष की फसलों का भाव भी 7000 से लेकर 8000 रुपए के बीच रहने वाला है यह भाव अब बाजार में स्थिर माने जा रहे हैं।
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सोयाबीन राज्यों में सितंबर के शुरुआत में सोयाबीन का भाव 7541 रुपए प्रति क्विंटल रहा। राजस्थान में गत पखवाड़े सोयाबीन 9219 रुपए से ले कर 8223 प्रति क्विंटल रहा है। छत्तीसगढ़ में मंडी भाव 8400 से लेकर 5600 रुपए प्रति क्विंटल रहा है। सितंबर महीने में सोयाबीन के औसत भाव, मंडियों से प्राप्त जानकारी अनुसार 6500 से 3500 रुपए प्रति क्विंटल रहे। मध्यप्रदेश की मंडियों में सितंबर के अंतिम सप्ताह में विभिन्न मंडियों में पिछले
साल के मुकाबले इस बार अधिक रहे।
देश की प्रमुख मंडियों में सोयाबीन के भावों में अंतर देखा गया है। इसके बावजूद भावों में उतार-चढ़ाव की स्थिति बनी हुई है। आइए एक नजर डालते हैं देश की प्रमुख मंडियों में सोयाबीन के प्रति क्विंटल ताजा भावों पर-
क्र. सं. | मंडी का नाम | न्यूनतम भाव | अधिकतम भाव |
1. | उज्जैन मंडी | 7085 | 7490 |
2. | रतलाम (एमपी) मंडी | 6180 | 7480 |
3. | हरदा मंडी | 7595 | 7780 |
4. | विदिशा मंडी | 6575 | 7490 |
5. | अमरावती | 4895 | 5415 |
6. | महाराष्ट्र जालना मंडी | 4040 | 5150 |
7. | बारा मंडी | 6085 | 6215 |
8. | करंजा मंडी- महाराष्ट्र | 4635 | 5130 |
9. | बदनावर मंडी | 3520 | 4450 |
10. | इंदौर मंडी | 6815 | 7780 |
11. | बासवाड़ा मंडी | 6525 | 7920 |
12. | मंदसौर मंडी | 6065 | 8390 |
13. | गुजरात राजकोट | 5645 | 5715 |
14. | उतरप्रदेश ललितपुर | 5560 | 5850 |
15. | कोटा मंडी | 5835 | 6515 |
16. | मांलगढ़-राजस्थान मंडी | 5995 | 7990 |
17. | बिहार बेगूसराय | 3250 | - |
18. | महरौनी | 6015 | - |
19. | दिल्ली मंडी | 7325 | - |
20 | कानपुर मंडी | 5120 | - |
(उपरोक्त दिए गए विभिन्न मंडियों के सोयाबीन के भाव प्रति क्विंटल में हैं)
केंद्र सरकार की ओर से वर्ष 2021-22 के खरीफ मार्केटिंग सीजन (केएमएस) के लिए सोयाबीन का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 3950 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है। एमएसपी की यह दर पिछले सत्र के मुकाबले 70 रुपए प्रति क्विंटल अधिक है। वहीं सोयाबीन का बाजार भाव सरकारी दर से काफी अधिक है इससे ये उम्मीद की जा रही है कि इस बार बाजार में अच्छे भाव मिलने से किसान एमएसपी पर अपनी सोयाबीन की फसल बेचने से परहेज करेंगे।
सोयाबीन का भारत में 12 मिलियन टन उत्पादन होता है। यह भारत में खरीफ की फसल है। भारत में सोयाबीन का अग्रणी उत्पादक राज्य मध्य प्रदेश है, जो भारत के कुल सोयाबीन उत्पादन में 49.93 प्रतिशत का योगदान देता है। महाराष्ट्र का 34.09 प्रतिशत तथा राजस्थान का 11.85 प्रतिशत का योगदान है। मध्यप्रदेश में इंदौर में सोयाबीन रिसर्च सेंटर है। विश्व का 60 प्रतिशत सोयाबीन अमेरिका में पैदा होता है।
कृषि मंत्रालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार इस साल देश में तिलहनी फसलों का रकबा 11.33 लाख हेक्टेयर से बढक़र 196.10 लाख हेक्टेयर हो गया, जो सामान्य अवधि के दौरान 184.76 लाख हेक्टेयर था। कम क्षेत्र कवरेज मुख्य रूप से आंध्र प्रदेश (0.83 लाख हेक्टेयर), तेलंगाना (0.74 लाख हेक्टेयर), छत्तीसगढ़ (0.60 लाख हेक्टेयर), ओडिशा (0.20 लाख हेक्टेयर) और झारखंड (0.09 लाख हेक्टेयर) में बिखरे हुए मानसून के कारण रहा। मध्य प्रदेश और राजस्थान में सोयाबीन क्षेत्र वर्षा के असमान वितरण के कारण कम है। राजस्थान में सोयाबीन क्षेत्र को मूंग, उड़द, ग्वार और बाजरा की ओर मोड़ दिया गया, जबकि मध्य प्रदेश में धान, मक्का, उड़द का क्षेत्र बढ़ा है।
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