Published - 24 Jun 2020 by Tractor Junction
कोरोना वायरस संक्रमण के चलते इस साल रबी की फसल की खरीद देर से शुरू हुई। वहीं इस दौरान लगे लॉकडाउन के कारण किसानों को एक जगह से दूसरी जगह जाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। इस दौरान संक्रमण को देखते हुए मंडी में भी कम संख्या में किसानों को बुलाया गया जिससे रबी फसल की खरीद किसानों से पूरी नहीं हो पाई। इसका परिणाम यह हुआ कि कई किसान फसल बेचने से वंचित रह गए। इसके बाद बारिश शुरू होने से किसान खरीफ की फसल की बुवाई में लग गए है। इन सब बातों के मध्यनजर मध्यप्रदेश के किसान कल्याण तथा कृषि विकास मंत्री कमल पटेल ने निर्देशित किया है कि चने के उपार्जन में किसी प्रकार की लापरवाही नहीं बरती जाए।
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उन्होंने कहा कि चना, मसूर, सरसों का उपार्जन 30 जून तक होना है। उन्होंने कहा कि किसान की फसल का एक-एक दाना खरीदा जाएगा। मंत्री के निर्देश के बाद अब किसानों से रबी फसल- चना, मूंग व सरसों की समर्थन मूल्य पर खरीद अब 30 जून तक की जाएगी। इससे उन किसानों को फायदा होगा जो अब तक अपनी चना, मूंग और सरसों की फसल को किसी कारण से नहीं बेच पाए है। खरीद की तिथि बढ़ाने के पीछे सरकार का मकसद किसानों से ज्यादा से ज्यादा जिंस की खरीद कर उन्हें लाभ पहुंचाना है।
जो किसान अब अपनी चने की फसल मंडी तक बेचने के लिए नहीं ला पाएं हैं उन्हें एसएमएस से सूचना दी जाएगी जिससे वे अपनी फसल को समर्थन मूल्य पर बेच सकेंगे जिससे किसानों को इस बढ़ी हुई तिथि का फायदा मिल सकेगा। इस संबंध में मंत्री पटेल ने कहा है कि ऐसे किसान, जो एसएमएस मिलने के बाद भी चना मंडी तक नहीं ले जा पाए हैं, उन्हें विभाग द्वारा पुन: एसएमएस भेजे जाएंगे। वे अपनी उपज समर्थन मूल्य पर मंडी में विक्रय कर सकेंगे। उन्होंने कहा है कि चना, मसूर, सरसों का उपार्जन 30 जून तक किया जाएगा।
समर्थन मूल्य पर चना, मसूर, सरसों की खरीद की तिथि 30 जून से आगे भी बढ़ाई जा सकती है। बता दें कि चना, मसूर, सरसों की खरीदी की तिथि भारत सरकार की समर्थन मूल्य नीति के अनुसार 29 जुलाई तक होना संभावित है। इसे दृष्टिगत रखते हुए खरीफ फसलों की खरीदी जारी रखी जा सकती है।
मध्यप्रदेश सरकार द्वारा मंडी में चना, मसूर एवं सरसों के उपार्जन के लिए निर्देश दिए गए हैं की खरीदी का कार्य मंडी शेड में ही किया जाना सुनिश्चित किया जाए। इस निर्देश के बाद मंडी में किसानों से समर्थन मूल्य पर खरीद की व्यवस्था मंडी शेड के नीचे की गई है जिससे किसानों को आवागमन में सुविधा रहे और किसान आसानी से मंडी में अपनी फसल बेचने के लिए आ सके।
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