प्रकाशित - 11 Mar 2025
ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
Chana, Tour ke Bhav 2025: इस समय बाजार में चना और तुअर दाल की कीमतों में गिरावट देखी जा रही है। हालत यह है कि इसकी कीमतें न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी (MSP) से नीचे आ गई है। इसी बीच केंद्र सरकार ने किसानों को नुकसान से बचाने के लिए चना और तूअर दाल की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य पर करने की घोषणा की है। इतना ही नहीं सरकार ने बेंचमार्क दरों पर दालों की खरीद बढ़ाने का फैसला किया है। इससे चना व तूअर की खेती (Cultivation of gram and pigeon pea) करने वाले लाखों किसानों को लाभ होगा। उन्हें कम रेट पर बाजार में अपनी फसल बेचने को मजबूर नहीं होना होगा।
किसानों को नुकसान से बचाने के लिए चना और तुअर की अधिक से अधिक एमएसपी (MSP) पर खरीद की जाएगी। किसानों को बेहतर कीमतें दिलाने ओर स्टॉक को मजबूत करने के लिए सरकारी एजेंसिंयां नाफेड (किसानों का सहकारी संगठन) और एनसीसीएफ (राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ) कदम उठा रही हैं। बता दें कि मंडियों में दालों की कीमतें पिछले दो साल से एमएसपी से ऊपर थीं। लेकिन अब यह एमएसपी से नीचे आ गई है। ऐसे में किसानों को नुकसान से बचाने के लिए सरकार ने एमएसपी पर दालों की खरीद बढ़ाने की योजना तैयार की है। एक अधिकारी ने बताया कि खरीफ और रबी सीजन में दालों की फसल की अच्छी संभावना को देखते हुए, हम किसानों से अधिक से अधिक दालें खरीदेंगे ताकि बफर स्टॉक बनाया जा सके।
इस समय महाराष्ट्र के अकोला में खरीफ की प्रमुख फसल तुअर (अरहर) की कीमतें 7,525 रुपए प्रति क्विंटल के आसपास चल रही हैं। जबकि इस साल के लिए केंद्र सरकार की ओर से तुअर का न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी (MSP) 7,550 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है। हालांकि यह कीमत पिछले साल के 10,525 रुपए प्रति क्विंटल के भाव से करीब 28 प्रतिशत कम है। वहीं रबी की प्रमुख फसल किस्म चना की कीमतें अभी एमएसपी 5650 रुपए प्रति क्विंटल के आसपास हैं, लेकिन अगले कुछ हफ्तों में जब चने की आवक बढ़ेगी, तब इसकी कीमतें एमएसपी से नीचे आ सकती हैं। कमोडिटी ऑनलाइन मंडी भाव के अनुसार इस समय महाराष्ट्र की प्रमुख मंडियों में तुअर के भाव जो चल रहे हैं, वे इस प्रकार से हैं–
सूत्रों के मुताबिक सरकार को कीमतों में बढ़ोतरी रोकने के लिए बाजार हस्तक्षेप करने के लिए 3.5 मिलियन टन (एमटी) दालों का बफर स्टॉक जरूरी है। लेकिन फिलहाल एजेंसियों के पास केवल 1.36 एमटी दालें हैं। इनमें से अधिकतर स्टॉक मूंग (0.75 एमटी) और मसूर (0.53 एमटी) का है। मसूर का कुछ स्टॉक आयात के माध्यम से भी बनाया गया है। 2024–25 सीजन के खरीफ फसल से अब तक एजेंसियों ने कृषि मंत्रालय की कीमत समर्थन योजना (पीएसएस) के तहत 81,000 टन तुअर की खरीद की है। हालांकि, 2022–23 और 2023–24 में एजेंसियां तुअर की खरीद नहीं कर पाई थीं क्योंकि उस समय कीमतें एमएसपी से काफी ऊपर थीं।
मंत्रालय की ओर से 2024–25 सीजन में पीएसएस के तहत 1.32 एमटी तुअर की खरीद को मंजूरी दी है। पिछले सालों में दालों की खरीद में काफी गिरावट आई है। 2023–24 में नाफेड और एनसीसीएफ ने पीएसएस के तहत तुअर, मूंग, उड़द, मसूर और चना की खरीद घटाकर केवल 0.69 एमटी की थी, जबकि 2022–23 में यह क्रमश: 2.83 एमटी तथा 3.03 एमटी थी। इसकी वजह कम उत्पादन के कारण कीमतों का एमएसपी से ऊपर जाना था।
2025–26 रबी सीजन के लिए, कृषि मंत्रालय की ओर से मध्यप्रदेश से 0.72 एमटी, उत्तर प्रदेश से 0.19 एमटी, कर्नाटक से 96,498 टन, छत्तीसगढ़ से 52,738 टन और तेलंगाना से 37,083 टन से किसानों से एमएसपी पर 1.11 एमटी चना की खरीद को मंजूरी दी है। इसके अलावा मसूर की 0.94 एमटी, मूंग की 1,548 टन और उड़द की 65,450 टन की खरीद को भी मंजूरी मिली है। अधिकारियों के मुताबिक एजेंसियां 2025–26 में 2 एमटी से अधिक चना की खरीद कर सकती हैं। राजस्थान, जो चने का सबसे बड़ा उत्पादक है, शीघ्र ही केंद्र से एमएसपी पर खरीद शुरू करने के लिए संपर्क कर सकता है। कृषि मंत्रालय का लक्ष्य 2024–25 फसल वर्ष (जुलाई–जून) में दालों का उत्पादन 29.9 एमटी तक पहुंचाना है, जो 2023–24 की तुलना में 23 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी होगी।
ऊपर खबर दिए गए में दिए गए महाराष्ट्र की मंडियों में तुअर दाल के भाव (Tour ke Bhav) सबसे कम मंडी भाव हैं। हालांकि उत्तर प्रदेश, उत्तरखंड, पश्चिम बंगाल व मणिपुर की मंडियों में तूअर (अरहर) के भाव एमएसपी से ऊपर चल रहे हैं। वहीं, बता दें कि तूअर के भाव उसकी क्वालिटी पर निर्भर करते हैं। साधारण तूअर दाल का भाव कम मिलता है, जबकि अच्छी किस्त की तूअर दल का भाव अधिक होता है। हालांकि बाजार भावों में रोजाना उतार-चढ़ाव की स्थिति बनी रहती है। ऐसे में किसानों को सलाह दी जाती है कि वे अपनी तूअर व चने की फसल की खरीद-फरोख्त करने से पहले स्थानीय मंडी में बाजार भावों की जानकारी अवश्य कर लें और इसके बाद ही अपनी फसल को बेचने के संबंध में उचित निर्णय लें।
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