प्याज की राह पर आलू, कीमतों में 40 फीसदी तक आया उछाल

Share Product Published - 31 Jul 2020 by Tractor Junction

प्याज की राह पर आलू, कीमतों में 40 फीसदी तक आया उछाल

उत्पादन में कमी और आपूर्ति बढऩे से आलू के भाव में आई तेजी

अभी तक प्याज के दाम ही लोगों की जेब पर भारी पड़ते थे, अब आलू भी उसी राह पर चलता दिखाई दे रहा है। पिछले एक महीने के दौरान आलू के भावों में 40 फीसदी तक का उछाल आया है। वर्तमान में देश के कई राज्यों में आलू के भाव करीब 35 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गए है। वहीं बात करें बड़े महानगरों की तो वहां खुदरा आलू के भाव इससे भी ज्यादा हैं।

मुंबई, दिल्ली, कोलकाता और चेन्नई जैसे प्रमुख महानगरों में विभिन्न किस्म और गुणवत्ता के आधार पर आलू 30-45 रुपए प्रति किलो बिक रहा है। मुंबई में, एक किलो आलू की कीमत 35-45 रुपए है, जबकि दिल्ली और कोलकाता में आलू की कीमतें 30-40 रुपए प्रति किलोग्राम के बीच चल रही हैं।

 

क्यों बढ़ रहे है आलू के भाव

इस बार आलू के उत्पादन में कमी और आपूर्ति बढऩे के कारण आलू के भावों में इजाफा हो रहा है। इस संबंध में उत्तर प्रदेश के कोल्ड स्टोरेज एसोसिएशन के अध्यक्ष अरविंद अग्रवाल ने ईटी को बताया कि थोक स्तर पर इसकी कीमत करीब 24-25 रुपए प्रति किलोग्राम है। खुदरा स्तर पर यह लगभग 30-35 रुपए प्रति किलोग्राम है। पिछले तीन वर्षों में आलू किसानों को बुरे समय का सामना करना पड़ा। इस बार वे अपनी उपज पर कुछ लाभ कमाने में सक्षम हैं। नवम्बर तक कीमतें गिरने की संभावना नहीं है, क्योंकि मांग अधिक है। साथ ही, अन्य सब्जी के दाम बढ़ गए हैं। इसलिए लोग अब आलू ज्यादा खरीद रहे हैं। 

 

 

भारत में कहां - कहां होता है आलू का उत्पादन

आलू उत्पादक राज्यों में भारत में सबसे ज्यादा आलू का उत्पादन उत्तर प्रदेश में होता है। उत्तर प्रदेश में सालाना 1.55-1.58 करोड़ टन आलू का उत्पादन होता है। लेकिन इस साल की शुरुआत में बेमौसम बारिश ने आलू की फसल को प्रभावित किया, जिससे फसल बर्बाद हो गई। दूसरे सबसे बड़े आलू उत्पादक राज्य पश्चिम बंगाल में इस बार करीब 14 लाख टन आलू का कम उत्पादन हुआ है। इस साल राज्य में 86 लाख टन आलू का ही उत्पादन हो पाया है।

इससे यहां भी आलू की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है। इसके अलावा देश के कई राज्यों में भी आलू का उत्पादन किया जाता है उनमें बिहार, गुजरात, मध्य प्रदेश, पंजाब, असम, कर्नाटक, हरियाणा, झारखंड राज्य शामिल हैं। लेकिन उत्पादन कम होने से मांग के अनुपात में आलू की आपूर्ति नहीं हो पा रही है परिणामस्वरूप भावों में तेजी का रूख बना हुआ है।

 

नई फसल के आने के बाद भाव कम होने की संभावना

आलू के सबसे बड़े उत्पादक, उत्तर प्रदेश के आलू व्यापारियों का कहना है कि नवम्बर तक कीमतें कम होने की संभावना नहीं है। नई फसल आने के बाद ही इसके भाव में नरमी दिखेगी। आलू की कीमतों में उछाल काफी हद तक कम उत्पादन के कारण है, जो पिछले साल प्याज के मामले में भी था। कुछ शहरों में, पिछले साल प्याज की कीमतें 200 रुपए प्रति तक पहुंच गई थीं।

 

अगर आप अपनी  कृषि भूमि, अन्य संपत्ति, पुराने ट्रैक्टर, कृषि उपकरण,  दुधारू मवेशी व पशुधन बेचने के इच्छुक हैं और चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा खरीददार आपसे संपर्क करें और आपको अपनी वस्तु का अधिकतम मूल्य मिले तो अपनी बिकाऊ वस्तु की पोस्ट ट्रैक्टर जंक्शन पर नि:शुल्क करें और ट्रैक्टर जंक्शन के खास ऑफर का जमकर फायदा उठाएं।  

Quick Links

Call Back Button
scroll to top
Close
Call Now Request Call Back