प्रकाशित - 14 Apr 2025
ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
Wheat MSP: देश भर के कई राज्यों में न्यूनतम समर्थन मूल्य (Minimum Support Price) या एमएसपी (MSP) पर रबी फसलों की खरीद का काम शुरू हो गया है। इस समय सरकार बड़े पैमाने पर किसानों से गेहूं की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद करने जा रही है। इसको लेकर राज्यवार लक्ष्य भी निर्धारित कर दिए गए हैं। किसानों से गेहूं की अधिक से अधिक खरीद हो सके, इसके लिए सरकार ने किसानों को एमएसपी पर गेहूं बेचने के नियमों में भी ढील दी है। इसी कड़ी में राज्य सरकार की ओर से किसानों को अब बिना रोकटोक के MSP पर 100 क्विंटल से अधिक गेहूं बेचने को हरी झंडी दे दी गई है। इसके लिए किसानों को किसी भी प्रकार के सत्यापन की जरूरत नहीं होगी। इससे राज्य के किसान एमएसपी पर अधिक मात्रा में गेहूं बेचकर समर्थन मूल्य का लाभ प्राप्त कर सकेंगे। इससे उनकी आय में बढ़ोतरी होगी। इस साल केंद्र सरकार ने गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2425 रुपए निर्धारित किया है जो पिछले रबी विपणन वर्ष की तुलना 150 रुपए अधिक है।
प्रदेश में एमएसपी (MSP) पर गेहूं की खरीदी का काम शुरू हो चुका है। किसानों को अधिक से अधिक एमएसपी पर लाभ पहुंचाने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किसानों के हित में एक बहुत बड़ा फैसला लिया है जिससे किसानों को लाभ होगा। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद यहां के किसानों के लिए खाद्य एवं रसद विभाग ने सत्यापन की प्रक्रिया को सरल बना दिया है। इसके तहत अब किसान को 100 क्विंटल से अधिक गेहूं बेचने पर सत्यापन कराने की आश्यकता नहीं होगी। वे बिना किसी सत्यापन के 100 क्विंटल से अधिक गेहूं का विक्रय एमएसपी पर कर सकेंगे। सरकार के इस फैसले से प्रदेश के किसानों को अब अनुमानित उत्पादन से 3 गुना अधिक उपज बिक्री का लाभ प्राप्त हाे सकेगा जिससे उनकी आय में बढ़ोतरी होगी।
अब तक अभिलेखों में किसी प्रकार की त्रुटि या गलती होने पर किसानों को गेहूं का विक्रय करने में परेशानी होती थी, लेकिन अब नियमों में छूट देने के बाद किसानों को अभिलेखों में कोई त्रुटि होने के वाबजूद कोईपरेशनी नहीं होगी, वे बिना किसी परेशानी के अपनी उपज बेच सकेंगे। यूपी सरकार ने यह व्यवस्था पंजीकृत किसानों के लिए की है, जो किसान पंजीकृत है वे किसान सत्यापन के बिना 100 क्विंटल तक गेहूं का बेच सकते हैं। सत्यापन के बाद कुल उत्पादकता के आधार पर अगेंस्ट उत्पादन क्षमता के 3 गुना तक गेहूं बेचने की सुविधा दी गई है। एमएसपी पर गेहूं बेचने के लिए किसान को खाद्य व रसद विभाग के पोर्टल fcs.up.gov.in या विभाग के मोबाइल एप पर पंजीकरण–नवीनीकरण कराना होगा। इसके बाद ही किसान एमएसपी पर अपनी उपज बेच सकेंगे। पंजीकरण या नवीनीकरण के लिए किसान अपनी जमीन क विवरण, आधार कार्ड, बैंक खाता विवरण व अन्य आवश्यक दस्तावेज जमा कर सकते हैं।
इस बार यूपी सरकार की ओर से प्रदेश के किसानों से घर या खेत से गेहूं की खरीद की सुविधा दी है। इसके लिए सरकार ने प्रदेश में मोबाइल क्रय केंद्रों की शुरू किए हैं। इसके जरिये किसानों घर से ही एमएसपी पर गेहूं खरीदा जा रहा है। इसके अलावा किसानों को गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी 2425 रुपए के साथ ही उन्हें 20 रुपए प्रति क्विंटल की दर से उतराई, छनाई तथा सफाई के लिए भी दिया जा रहा है।
यूपी में गेहूं की खरीद के लिए खाद्य विभाग सहित पीसीएफ, यूपीपीसीयू, भारतीय खाद्य निगम आदि खरीद का काम कर रही हैं। इन एजेंसियों द्वारा प्रदेश में कुल मिलाकर 6,500 खरीद केंद्र बनाए गए हैं जहां किसान एमएसपी पर अपनी फसल बेच सकते हैं। गेहूं खरीद का काम सुबह 8 बजे से रात्रि 8 बजे तक यानी 12 घंटे खरीद केंदों पर किया रहा है। वहीं गेहूं खरीद को लेकर किसी असुविधा या समस्या के निराकरण के लिए किसान टोल फ्री नंबर 18001800150 पर शिकायत कर सकते हैं, उनकी समस्या का समाधान किया जाएगा। इसके अलावा किसान जिला खाद्य विपणन अधिकारी या तहसील विपणन के क्षेत्रीय विपणन अधिकारी या ब्लॉक के विपणन अधिकार से संपर्क कर सकते हैं।
ट्रैक्टर जंक्शन हमेशा आपको अपडेट रखता है। इसके लिए ट्रैक्टरों के नये मॉडलों और उनके कृषि उपयोग के बारे में एग्रीकल्चर खबरें प्रकाशित की जाती हैं। प्रमुख ट्रैक्टर कंपनियों सॉलिस ट्रैक्टर, महिंद्रा ट्रैक्टर आदि की मासिक सेल्स रिपोर्ट भी हम प्रकाशित करते हैं जिसमें ट्रैक्टरों की थोक व खुदरा बिक्री की विस्तृत जानकारी दी जाती है। अगर आप मासिक सदस्यता प्राप्त करना चाहते हैं तो हमसे संपर्क करें।
अगर आप नए ट्रैक्टर, पुराने ट्रैक्टर, कृषि उपकरण बेचने या खरीदने के इच्छुक हैं और चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा खरीददार और विक्रेता आपसे संपर्क करें और आपको अपनी वस्तु का अधिकतम मूल्य मिले तो अपनी बिकाऊ वस्तु को ट्रैक्टर जंक्शन के साथ शेयर करें।