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सरसों बनाएगी किसानों को मालामाल, बाजार में बढ़ रही है मांग

Share Product प्रकाशित - 27 Dec 2022 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा

सरसों बनाएगी किसानों को मालामाल, बाजार में बढ़ रही है मांग

जानें, सरसों के ताजा भाव और आगे बाजार के रूख की पूरी जानकारी

सरसों किसानों के लिए के एक ख़ुशख़बरी निकल कर आ रही है। बाजार में सरसों की डिमांड बढ़ने से इसके भावों में जोरदार उछाल आने की संभावना जताई जा रही है। यदि ऐसा होता है तो सरसों किसानों के लिए ये काफी अच्छी खबर होगी। यदि आने वाले दिनों में सरसों का भाव ऊंचा रहता है, तो जिन किसानों ने इस बार सरसों की खेती (Mustard Farming) की है उन्हें इसका काफी अच्छा लाभ मिल सकेगा। हालांकि नई सरसों आने में अभी काफी वक्त हैं, फिर भी इसे एक अच्छी उम्मीद की शुरुआत कहा जा सकता है।

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मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो बाजार में सरसों के तेल की मांग काफी बढ़ रही है, इससे इसके भावों में तेजी आने की संभावना जताई जा रही है। बता दें कि एक अनुमान के मुताबिक भारत में रोजना 10 हजार टन सरसों के तेल की आवश्यकता होती है। इस तरह देखा जाए तो सरसों की घरेलू खपत भी काफी ज्यादा है। इसके अनुपात में देश में सरसों का उत्पादन नहीं हो पा रहा है। इसलिए सरकार देश में तिलहन उत्पादन को बढ़ाने पर जोर दे रही ताकि हमारा देश तिलहन में आत्मनिर्भर हो सकें। इसके लिए कई राज्यों में किसानों को तिलहन के बीजों का वितरण किया गया और उन्हें तिलहनी फसलों को उगाने के लिए प्रोत्साहित भी किया गया। ऐसे में यदि देश में सरसों के तेल की मांग के साथ ही इसके भावों में भी बढ़ोतरी होती है तो यह किसानों के लिए यह अच्छी बात होगी। उन्हें मार्केट में सरसों का बेहतर दाम मिल सकेगा। बाजार जानकारों के अनुसार इस बार भी सरसों के भाव एमएसपी से ऊंचे रहने का अनुमान है। जिससे किसानों को सरसों का बाजार में अच्छा भाव मिल सकेगा।

अभी क्या चल रहा है बाजार में सरसों का भाव (Mustard price)

यदि सरसाें के इस समय के भाव पर नजर डालें तो बाजार में सरसों के भाव एमएसपी से ऊंचे ही चल रहे हैं। बता दें कि इस बार सरकार की ओर से सरसों का एमएसपी 5450 तय किया गया है। जबकि अभी मंडियों में भाव इससे ऊपर बने हुए है और आने वाले दिनों में भाव इससे भी ऊंचे रहने की संभावना जताई जा रही है। अब एक नजर डालते हैं देश की प्रमुख सरसों की मंडियों के ताजा भावों पर ताकि आगे की सरसों के भाव में तेजी की संभावना का पता लगाया जा सकें। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार देश की विभिन्न मंडियों में सरसों के भाव इस प्रकार से है:-

  • बरवाला मंडी में सरसों का भाव 6770 रुपए प्रति क्विंटल चल रहा है।
  • सिरसा मंडी में सरसों के भाव 6880 रुपए प्रति क्विंटल चल रहा हैं।
  • दिल्ली मंडी में सरसों का भाव 7000 रुपए प्रति क्विंटल चल रहा है।
  • खुर्जा मंडी में सरसों का भाव 6600 रुपए प्रति क्विंटल है।
  • आगरा/शमशाबाद/दिगनेर मंडी में सरसों का भाव 7850 रुपए प्रति क्विंटल चल रहा है।
  • कोटा सलोनी में सरसों का भाव 7850+100 रुपए प्रति क्विंटल चल रहा है।
  • आगरा बीपी में सरसों का भाव 7650+100 रुपए प्रति क्विंटल चल रहा है।
  • आगरा शारदा में सरसों का भाव 7650+100 रुपए प्रति क्विंटल चल रहा है।
  • कोटा में सरसों का भाव 7200 रुपए प्रति क्विंटल चल रहा है।
  • ग्वालियर में सरसों का भाव 6600-6700 रुपए प्रति क्विंटल है।
  • मुरैना मंडी में सरसों के भाव 6600+50 रुपए प्रति क्विंटल चल रहा हैं।
  • कोलकाता में सरसों का भाव 7500 रुपए प्रति क्विंटल है।
  • कानपुर में सरसों का भाव 7300 रुपए प्रति क्विंटल चल रहा है।
  • टोंक मंडी में सरसों का भाव 7200 रुपए प्रति क्विंटल है।
  • श्योपुर मंडी में सरसों का भाव 6600 रुपए प्रति क्विंटल चल रहा है।
  • जयपुर मंडी में सरसों का भाव 7350 रुपए प्रति क्विंटल के आसपास चल रहे हैं।
  • अलवर मंडी में सरसों का भाव 7200 रुपए प्रति क्विंटल है।
  • खैरथल मंडी में सरसों के भाव 7000 रुपए प्रति क्विंटल चल रहा हैं।
  • भरतपुर मंडी में सरसों के भाव 6913 रुपए प्रति क्विंटल है।
  • गंगानगर मंडी में सरसों के भाव 7150 रुपए प्रति क्विंटल हैं।
  • हिसार में सरसों के भाव 6700 रुपए प्रति क्विंटल चल रहे हैं।

यहां बता दें कि मंडियों में उपज के भावों में प्रतिदिन उतार-चढ़ाव बना रहता है, इसलिए आपको चाहिए कि आप उपज की खरीद-फरोख्त करते समय अपनी स्थानीय मंडी में उपज के भावों का पता जरूर कर लें, क्योंकि अलग–अलग मंडियाें के भाव अलग-अलग होते हैं।

क्या है सरसों के डिमांड की वजह (Mustard Demand)

सरसों की खेती देश के कुछ ही राज्यों में की जाती है। जिसमें राजस्थान, हरियाणा, उत्तरप्रदेश, पश्चिम बंगाल और मध्यप्रदेश में इसकी खेती प्रमुखता से की जाती है। लेकिन जितनी देश में इसकी खपत होती है उसके अनुपात में इसका उत्पादन नहीं हो पा रहा है। यही कारण हैं कि देश में तेल की मांग को पूरा करने के लिए सरकार को बाहर से तेल का आयात करना पड़ता है। इसे देखते हुए सरकार ने राष्ट्रीय तिलहन मिशन की शुरुआत की है। इसके तहत देश में तिलहन का उत्पादन बढ़ाने के लिए सरकार ने करीब 19000 करोड़ रुपए खर्च करने की योजना बनाई है।

सरसों की टॉप 5 किस्मों से संबधित और अधिक जानकारी के लिए यहां क्लिक करें

देश में किस सरसों की है सबसे अधिक डिमांड

देश में दो तरह की सरसों की खेती की जाती है। पहली पीली सरसों और दूसरी काली सरसों। दोनों ही सरसों से तेल निकाला जा सकता है। लेकिन देश में काली सरसों की डिमांड ज्यादा है। इसके पीछे कारण ये हैं कि इसमें तेल की मात्रा अधिक पाई जाती है। जबकि पीली सरसों का उपयोग अधिकतर धार्मिक पूजन और अनुष्ठानों में किया जाता है। इसलिए काली सरसों की खेती अधिक होती है और इसका उत्पादन प्रमख रूप से तेल प्राप्त करने के लिए किया जाता है। काली सरसों की खेती से किसान काफी अच्छा पैसा कमा रहे हैं। देश में इस समय काली सरसों के भाव भी अच्छे बने हुए हैं जो 5500 रुपए से 7000 रुपए के बीच चल रहे हैं।

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इस बार कितना तय किया गया है सरसों का एमएसपी 2023-24

इस बार सरकार ने सरसों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 400 रुपए की बढ़ोतरी की है। इससे अब सरसों का एमएसपी 5450 रुपए हो गया है जो पिछले साल से ज्यादा है। बता दें कि पिछले साल सरसों का एमएसपी 5050 था।

देश में इस बार कितने हैक्टेयर में हुई है सरसों की बुवाई 

केंद्रीय कृष‍ि मंत्रालय के मुताब‍िक रबी सीजन 2022-23 में 23 द‍िसंबर तक र‍िकॉर्ड 92.67 लाख हेक्टेयर में इसकी बुवाई हो चुकी है। अभी यह रकबा और बढ़ेगा। साल 2021-22 में कुल 91.44 लाख हेक्टेयर में सरसों की बुवाई हुई थी। जबक‍ि दो साल पहले 2020-21 में इसका क्षेत्र मात्र 73.12 लाख हेक्टेयर ही था। बता दें कि देश में त‍िलहन फसलों में सरसों का योगदान करीब 26 फीसदी है। साल 2021-22 में 23 द‍िसंबर तक 85.35 लाख हेक्टेयर में सरसाें की बुवाई हुई थी। ऐसे में इस साल सरसों का रकबा 100 लाख हेक्टेयर के आसपास पहुंच सकता है। सभी त‍िलहन फसलों का क्षेत्र इस बार 101.47 लाख हैक्टेयर हो गया है। इससे इस बार देश में सरसों के अच्छे उत्पादन की उम्मीद जताई जा रही है।

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