मूंग-उड़द बेचने वाले किसानों के लिए जरूरी सूचना, एमएसपी पर खरीद के लिए रजिस्ट्रेशन 19 से शुरू

Share Product प्रकाशित - 16 Jun 2025 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा

मूंग-उड़द बेचने वाले किसानों के लिए जरूरी सूचना, एमएसपी पर खरीद के लिए रजिस्ट्रेशन 19 से शुरू

किन्हें मिलेगा लाभ, कैसे करें आवेदन और उपार्जन केंद्रों पर क्या सुविधाएं मिलेंगी, जानिए सब कुछ

Purchase of Moong at MSP 2025 : मूंग व उड़द की खेती करने वाले किसानों के लिए खुशखबर है। किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाने के उद्देश्य से केंद्र और राज्य सरकारें न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर फसलों की खरीदी करती हैं। मध्य प्रदेश सरकार ने भी किसानों की इस आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए ग्रीष्मकालीन मूंग की फसल और उड़द की फसल को MSP पर खरीदने का फैसला लिया है। इसके तहत 19 जून 2025 से किसान अपना पंजीकरण करा सकेंगे, ताकि वे अपनी उपज को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बेच सकें।

मध्य प्रदेश सरकार ने केंद्र सरकार को इस संबंध में प्रस्ताव भेज दिया है, जिसमें फसल की खरीद, क्वालिटी परीक्षण, भुगतान व्यवस्था और प्रचार-प्रसार की पूरी योजना शामिल है। इससे राज्य के लाखों किसानों को लाभ होगा और उन्हें उनकी फसल का वाजिब दाम मिल सकेगा।

मूंग और उड़द के लिए कितना तय हुआ है एमएसपी 

केंद्र सरकार की ओर से वर्ष 2025 के लिए ग्रीष्मकालीन मूंग का MSP 8682 रुपए प्रति क्विंटल और उड़द का MSP 7400 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है। इस मूल्य पर किसान अपनी उपज सरकार को बेच सकेंगे, जिससे उन्हें बाजार की अनिश्चितताओं से राहत मिलेगी और आय में स्थिरता आएगी।

कैसे करें MSP पर मूंग-उड़द बेचने के लिए आवेदन/पंजीकरण की प्रक्रिया

मूंग और उड़द की एमएसपी खरीद के लिए पंजीकरण प्रक्रिया 19 जून 2025 से शुरू होगी। इच्छुक किसानों को आधार कार्ड नंबर, बैंक खाता संख्या व IFSC कोड (राष्ट्रीयकृत बैंक या जिला सहकारी बैंक में), भू-अधिकार ऋण पुस्तिका की स्वप्रमाणित प्रति, फसल का नाम व विवरण दर्ज कराना होगा। वहीं यदि सिकमी/बटाई किसान हैं तो अनुबंध की स्वप्रमाणित प्रति जमा करानी होगी। पंजीकरण के बाद, किसानों को उपार्जन केंद्रों से एक कंप्यूटराइज्ड प्रिंटेड रसीद प्राप्त होगी, जिसमें उनका नाम, खाता विवरण और कुल देय राशि दर्ज होगी। यह रसीद उपार्जन प्रभारी के हस्ताक्षर से मान्य मानी जाएगी।

मध्य प्रदेश में मूंग और उड़द का कितना उत्पादन 

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक मध्यप्रदेश में मूंग का संभावित क्षेत्र 14.35 लाख हेक्टेयर है और यहां मूंग का संभावित उत्पादन करीब 20.23 लाख मीट्रिक टन है। वहीं यहां उड़द का संभावित क्षेत्र 0.95 लाख हेक्टेयर है और इसका संभावित उत्पादन करीब 1.24 लाख मीट्रिक टन है। राज्य के 36 जिलों में मई के तीसरे सप्ताह से जून के पहले सप्ताह तक मूंग की कटाई होती है, जबकि 13 जिलों में इसी अवधि में उड़द की फसल तैयार होती है। इस प्रकार सरकार की MSP योजना से बड़ी संख्या में किसान लाभान्वित हो सकते हैं।

उपार्जन केंद्रों पर किसानों को क्या मिलेंगी सुविधाएं

सरकार की ओर से यह सुनिश्चित किया गया है कि उपार्जन केंद्रों पर किसानों को किसी प्रकार की असुविधा न हो। इसके लिए जो व्यवस्थाएं की जा रही है, वे इस प्रकार से हैं–

  • किसानों के लिए छायादार स्थान और बैठने की व्यवस्था की जा रही है। 
  • किसानों को स्वच्छ पेयजल और शौचालय की सुविधा मिले इसके प्रयास किए जा रहे हैं। 
  • प्राथमिक उपचार (फर्स्ट एड) बॉक्स की सुविधा रखी गई है। 
  • खाद्यान्न की क्वालिटी की जांच के लिए आवश्यक उपकरण रखे गए हैं। 
  • उपार्जन केंद्र पर बैनर लगाए गए हैं जिसमें केंद्र का नाम, एफएक्यू मापदंड और भुगतान प्रक्रिया दर्शाई जाएगी। 
  • अत्यधिक खरीदी की संभावना वाले केंद्रों पर अतिरिक्त कर्मचारी, लैपटॉप, प्रिंटर, बैटरी बैकअप आदि की व्यवस्था की जा रही है। 
  • इसके साथ ही उपार्जन एजेंसियों और कर्मचारियों को विस्तार से प्रशिक्षण भी दिया जाएगा ताकि पूरी प्रक्रिया पारदर्शी और तेज हो सके। 

किसानों को क्या मिलेगा लाभ 

किसानों को एमएसपी पर मूंग और उड़द बेचने का अवसर मिलेगा। पारदर्शी पंजीकरण और भुगतान प्रणाली होने से किसानों सीधा लाभ मिलेगा। भुगतान उनके खातों में किया जाएगा। सरकारी केंद्रों पर सुविधाजनक बिक्री प्रक्रिया होने से किसानों के लिए एमएसपी पर मूंग बेचना आसान होगा। किसानों को समय पर भुगतान और संपूर्ण जानकारी डिजिटल रूप से उपलब्ध कराई जाएगी। सरकार की एमएसपी योजना का लाभ सिकमी या बटाईदार किसान भी प्राप्त कर सकेंगे। 

किसान मूंग उपार्जन के संबंध में अधिक जानकारी के लिए कहां करें संपर्क

एमएसपी पर मूंग उपार्जन से संबंधित अधिक जानकारी के लिए किसान लोकल कृषि अधिकारी, उपार्जन एजेंसियों या मध्य प्रदेश कृषि विपणन बोर्ड की वेबसाइट पर संपर्क कर सकते हैं। इसके अलावा लोक सेवा केंद्रों पर जाकर पंजीकरण संबंधी सहायता प्राप्त कर सकते है।

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