Published - 17 Jul 2020 by Tractor Junction
इस साल मक्का की कीमतों में भारी गिरावट आ गई है। इससे किसानों को मक्का की उपज बेचने में काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। हालत ये है कि किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य से भी 40-50 फीसदी कम दाम पर अपनी उपज बेचने को मजबूर होना पड़ रहा है। जबकि पिछले साल किसानों को मक्का की अच्छी कीमत मिली थीं। पिछले साल किसानों को मक्का का भाव 1,900 से लेकर 2,400 रुपए प्रति क्विंटल तक मिला था जबकि इस साल हाजिर बाजारों में मक्का के भाव 1000-1,150 रुपये प्रति क्विंटल तक आ गए हैं।
वहीं केन्द्र सरकार की तरफ से मक्का का एमएसपी 1,850 रुपए प्रति क्विंटल तय किया गया है। इसके बाद भी किसानों को मक्का का भाव न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से 40-50 फीसदी कम मिल रहा है। इस साल भाव पिछले वर्ष की तुलना में कम है।
पूर्व कृषि सचिव और इक्रियर में सीनियर फेलो सिराज हुसैन ने ईटी के अनुसार कोरोना वायरस की भारत में शुरुआत होने के दौरान इस बात की अफवाहें काफी फैली थीं कि चिकन से भी वायरस फैलता है। इसके चलते चिकन की खपत में भारी कमी आई। चूंकि पॉल्ट्री इंडस्ट्री मक्का का सबसे बड़ा खपत वाला क्षेत्र है इस वजह से मक्का के दाम तेजी से लुढक़े हैं। इतना ही नहीं फूड फूड प्रोसेसिंग सेक्टर में भी स्टार्च की मांग में गिरावट आने से मक्के की कीमतों को दोहरा झटका लगा है।
रेलीगेयर सिक्योकिटीज के सीनियर रिसर्च मैनेजर अभिजीत बनर्जी ने बताया कि पॉल्ट्री इंडस्ट्री की तरफ से मांग काफी कम है। ज्वार और बाजरा के दाम भी मक्का के आसपास चल रहे हैं। पॉल्ट्री इंडस्ट्री इन फसलों का विकल्प मिलने से मक्का में भारी गिरावट बनी हुई है। देश में होने वाली कुल मक्के के उत्पादन में पॉल्ट्री इंडस्ट्री की खपत 55 फीसदी से ज्यादा है। इसके अलावा स्टार्च इंडस्ट्री की डिमांड काफी कम है। उनका कहना है कि मौजूदा स्तरों से कीमतों में मजबूती दिख सकती है क्योंकि अंडों की मांग बढ़ी है। अनलॉक शुरू होने से पॉल्ट्री इंडस्ट्री भी पटरी पर लौटने लगी है। इससे आगे कीमतों में तेजी दिख सकती है।
पिछले सीजन में मक्के का एमएसपी 1760 रुपए प्रति क्विंटल था। इससे किसानों को मक्का के अच्छे भाव मिल थे। इससे उत्साहित होकर इस साल किसानों ने मक्के के उत्पादन में बढ़ोतरी की। पर परिणाम इसके उलट निकला। पिछले साल की तुलना में उन्हें इस बार अच्छे दाम नहीं मिल पा रहे हैं। उन्हें मजबूरन अपनी फसल कम कीमत पर बेचनी पड़ रही है। इससे किसानों में मायूसी है।
इधर मक्का उत्पादन में नंबर एक पर रहने वाले राज्य बिहार में पिछले साल के 40 लाख टन की तुलना में इस साल 60 लाख टन मक्का का उत्पादन रहा है। लेकिन भाव में गिरावट आने से मक्का उत्पादन में अग्रणी राज्य बिहार, पंजाब में किसानों को मजबूरन अपनी फसल औने-पौने दामों पर बेचने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
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