प्रकाशित - 25 Dec 2024
ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
Wheat Price Estimates for 2025: वर्तमान समय में गेहूं के भावों में उतार–चढ़ावा की स्थिति देखी जा रही है। इस साल के अंतिम माह दिसंबर के दौरान गेहूं के भावों (The prices of wheat) में विभिन्नता दिखाई दे रही है। यह उतार–चढ़ाव क्षेत्रीय मांग, आपूर्ति और मौसमी कारकों के बीच संतुलन को दिखाता है। 2025 की फसल कटाई के साथ ही बाजार में गेहूं की नई आवक शुरू होने की संभावना है। ऐसे में किसान और विश्लेषक इस बात पर नजर रख रहे हैं कि आने वाले समय में गेहूं के भाव किस दिशा की ओर जाएंगे यानी गेहूं के भावों में गिरावट आएगी या इसके भाव बढ़ेंगे। ऐसे में किसानों को गेहूं के भाव (Gehu ke Bhav) सरकार द्वारा निर्धारित एमएसपी (MSP) से ऊपर मिलेंगे या फिर एमएसपी के नीचे जाएंगे या फिर बराबर रहेंगे। इस बात को लेकर किसान और व्यापारी दोनों जानना चाहते हैं तो आइए जानते हैं, इस बारे में बाजार विश्लेषक का नए साल में गेहूं के भावों को लेकर क्या अनुमान है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बाजार विश्लेषकों द्वारा गेहूं उत्पादन प्रमुख राज्यों में आने वाले समय के लिए गेहूं की कीमतों को लेकर अनुमान लगाया गया है। इसके मुताबिक किस राज्य में गेहूं की कीमतों में कितनी गिरावट या बढ़ोतरी हो सकती है, इसको लेकर जो राज्यवार अनुमान लगाया जा रहा है, वो इस प्रकार से है–
भारत में गेहूं उत्पादक राज्यों में प्रमुख मध्यप्रदेश में दिसंबर 2024 में गेहूं के भाव 2826 रुपए प्रति क्विंटल दर्ज किए गए। यह नवंबर के मुकाबले करीब स्थिर है, इसमें मात्र 0.07 प्रतिशत की मामूली गिरावट आई है। हालांकि पिछले साल दिसंबर की तुलना में इसमें 12.01 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई। यह बढ़ोतरी फसल की क्वालिटी और मजबूत बाजार मांग को दिखाती है। मध्यपदेश में गेहूं के भाव स्थिर रहने का मुख्य कारण राज्य की मंडियो में आपूर्ति और मांग का संतुलन है। 2025 की फसल कटाई के दौरान, मध्यप्रदेश में गेहूं के भाव 2700 रुपए से 2850 रुपए प्रति क्विंटल के बीच हरने की उम्मीद की जा सकती है। कटाई के बाद आवक में बढ़ोतरी के बावजूद राज्य में औसत भाव राष्ट्रीय औसत के बराबर या उससे अधिक रहने की संभावना है।
मध्यप्रदेश के किसान जिसमें विशेष रूप से मालवा व निमाड़ क्षेत्र के गेहूं उत्पादक किसान 2025 में बेहतर बाजार भाव की उम्मीद कर रहे हैं। किसानों का मानना हे कि इस बार मौसम अनुकूल रहा है, जिससे फसल की क्वालिटी में सुधार हुआ है। वे उम्मीद कर रहे हैं कि 2025 में उन्हें गेहूं का भाव 3,000 रुपए प्रति क्विंटल से अधिक मिलेगा, खासकर उन किसानों को जिन्होंने गेहं की प्रीमियम किस्मों की खेती की है। हालांकि मंडियों में अधिक आवक और सरकारी खरीद नीतियों में बदलाव उनकी कमाई पर प्रभाव डाल सकता है। किसानों का यह भी कहना है कि फसल कटाई के दौरान मंडी प्रबंधन और परिवहन सुविधाओं में सुधार से उनके खर्चे कम हो सकते हैं, जिससे वे बेहतर लाभ कमा सकते हैं।
गेहूं के भावों को लेकर विश्लेषण के मुताबिक बिहार में दिसंबर 2024 में गेहूं के भाव 2892 प्रति क्विंटल दर्ज किए गए, जो पिछले महीने के मुकाबले 3.84 प्रतिशत और सालाना आधार पर 13.1 प्रतिशत अधिक हैं। यहां किसान फसल कटाई के बाद मंडी में मजबूत भाव की उम्मीद कर सकते हैं।
हरियाणा में गेहूं के भावों में सबसे बड़ी गिरावट देखी गई, जहां गेहूं के भाव नवंबर की तुलना में 6.92 प्रतिशत कम होकर 2610 रुपए प्रति क्विंटल पर पहुंच गए। हालांकि साल दर साल आधार पर इसमें 16 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। यहां किसान फसल कटाई के बाद मंडी में ठीक-ठाक भाव की उम्मीद कर सकते हैं।
गुजरात और राजस्थान में गेहूं के भाव करीब–करीब स्थिर रहे, जहां मामूली गिरावट के बावजूद वार्षिक बढ़ोतरी क्रमश: 9.04 और 12.88 प्रतिशत रही। यहां किसान फसल कटाई के बाद मंडी में मजबूत भाव की उम्मीद कर सकते हैं।
महाराष्ट्र में सालाना बढ़ोतरी सबसे अधिक रही, जहां भाव 3766 रुपए प्रति क्विंवटल तक पहुंचा गए, जो दिसंबर 2023 के मुकाबले 26.59 प्रतिशत अधिक है। ऐसे में यहां किसानों को गेहूं के बेहतर भाव मिलने की उम्मीद की जा सकती है।
पंजाब में गेहूं के भाव 2992 रुपए प्रति क्विंटल रहे, जो नवंबर से 28.82 प्रतिशत अधिक है। यह बढ़ोतरी सरकारी खरीद में कमी और निजी खरीद की बढ़ोतरी को दिखाता है। ऐसे में यहां भी किसानों गेहूं के बेहतर भाव मिलने की उम्मीद की जा सकती है
2025 में फसल कटाई के साथ मंडियों में गेहूं की आवक बढ़ने पर, शुरुआत में इसके भाव में गिरावट की संभावना है। फरवरी व मार्च में कटाई के दौरान हरियाणा, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश और बिहार जैसे राज्यों में भाव 2600 से 2900 रुपए प्रति क्विंटल के बीच रह सकते हैं। वहीं 2025 के मध्य में मांग में सुधार और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में संभावित निर्यात में बढ़ोतरी के कारण भाव 3000 से 3200 रुपए प्रति क्विंटल तक बढ़ सकते हैं। विशेष रूप् से मध्यप्रदेश और गुजरात जैसे राज्यों में हाई क्वालिटी वाली फसलों के कारण प्रीमियम दरों की संभावना है।
2025 में गेहूं का बेहतर भाव पाने के लिए किसानों को बाजार रुझानों पर लगातार नजर रखनी चाहिए व अपनी फसल बेचने के लिए रणनीतिक समय निर्धारित करना चाहिए। न्यूनतम समर्थन मूल्य में (MSP) बढ़ोतरी या सरकारी खरीद नीति 2025 में किसानों को स्थिरता प्रदान कर सकती है। इसके साथ ही जलवायु परिस्थितियों और वैश्विक बाजार मांग भी कीमतों को प्रभावित करेगी। कुल मिलाकर, देखा जाए तो 2025 का गेहूं बाजार स्थिर लेकिन सकारात्मक रहने की उम्मीद है। ऐसे में किसानों को अपनी योजना बनाकर इस बाजार से अधिकतम लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
कमोडिटी ऑनलाइन मंडी भाव के मुताबिक वर्तमान बाजार दरों के अनुसार गेहूं का औसत और सबसे उच्च कीमत इस प्रकार रही है
राजस्थान: गेहूं का औसत मूल्य 2765.67 रुपए प्रति क्विंटल है, जबकि सबसे उच्च बाजार की कीमत 2896 प्रति क्विंटल है।
मध्य्रदेश: गेहूं का औसत मूल्य ₹2772.5 रुपए प्रति क्विंटल है। सबसे उच्च बाज़ार की कीमत 2800 रुपए प्रति क्विंटल है।
उत्तर प्रदेश: गेहूं का औसत मूल्य 2677.14 रुपए प्रति क्विंटल है। सबसे उच्च बाजार की कीमत 2885 रुपए प्रति क्विंटल है।
पंजाब: गेहूं का औसत मूल्य 2892 रुपए प्रति क्विंटल है। सबसे उच्च बाजार की कीमत 3000 रुपए प्रति क्विंटल है।
बिहार: गेहूं का औसत मूल्य 2902.5 रुपए प्रति क्विंटल है। सबसे उच्च बाजार की कीमत 3000 रुपए प्रति क्विंटल है।
गुजरात: गेहूं का औसत मूल्य 2870.1 रुपए प्रति क्विंटल है। सबसे उच्च बाजार की कीमत 3340 रुपए क्विंटल है।
महाराष्ट्र: गेहूं का औसत मूल्य 3019.2 रुपए क्विंटल है। सबसे उच्च बाजार की कीमत 6000 रुपए क्विंटल है।
नोट: गेहूं के बाजार भावों में प्रतिदिन उतार–चढ़ाव की स्थिति बनी रहती है, ऐसे में किसानों को अपने क्षेत्र की स्थानीय मंडी में एक बार भावों की जानकारी अवश्य करनी चाहिए और इसके बाद ही गेहूं के विक्रय के संबंध में निर्णय लेना चाहिए।
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