Published - 07 Sep 2020
by Tractor Junction
कोरोना संक्रमण काल के बीच कृषि क्षेत्र से एक खुश करने वाली खबर आई है। अप्रैल से जून तीन माह के दौरान कृषि उत्पादों का निर्यात 23 फीसदी बढ़ा है। इससे किसानों की जेब में अच्छा-खासा पैसा आया है। सभी किसान भाई जानते हैं कि केंद्र की मोदी सरकार साल 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुना करने के मिशन में पूरी ताकत से जुटी हुई है। कोरोना संक्रमण काल भी सरकार को उसके हौसलों से नहीं डिगा पाया है। सरकार ने कोरोना संक्रमण काल के दौरान भी किसानों को कई योजनाओं के माध्यम से लगातार फायदा पहुंचाया है। मोदी सरकार देश में कृषि उत्पादन बढ़े, इसके दिशा में लगातार काम कर रही है। देश में कृषि उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा दिया जा रहा है। फूड प्रोसेसिंग और फूड सप्लाई चेन को प्रोत्साहित किया जा रहा है।
कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) के मुताबिक, भारतीय फलों की अमेरीका, इंग्लैंड समेत अरब देशों में खासी मांग है। एपीडा के अनुसार कोरोना काल में दुबई को 29.5 मिलिटन टन अनार और पपीते का एक्सपोर्ट किया है। इसके अलावा हाल ही में 28 मिलियन प्याज भी दुबई को भेजा गया है। एपीडा के आंकडों के मुताबिक, कोरोना काल में भारत का कृषि एक्पोर्ट अप्रैल से जून के दौरान पिछले साल के मुकाबले 23 फीसदी बढ़ा है। एक्सपोर्ट के मामले में बासमती चावल सबसे ऊपर है। इस दौरान करीब 8.5 करोड़ रुपये का बासमती चावल अन्य देशों को भेजा गया है।
खेती-किसानी का बागवानी सेक्टर एक ऐसा सेक्टर है जिसके एक्सपोर्ट का असर सीधे किसानों की जेब पर पड़ता है। अगर बागवानी में एक्सपोर्ट की बात करें तो पिछले 5 सालों के दौरान 39.5 मिलियन टन के इजाफे के साथ बागवानी उत्पादन अब तक के हाई रिकॉर्ड 320.48 मिलियन टन पर पहुंच गया है। पिछले 5 सालों के दौरान फलों का उत्पादन 86.60 मिलियन टन से बढक़र 99.07 मिलियन टन हो गया है। सब्जियों का उत्पादन भी इस दौरान 169.48 टन से बढक़र 191.77 मिलियन टन हो गया है।
कोरोना संक्रमण काल के दौरान हर सेक्टर जहां आमजन को निराशा ही मिली। वहीं कृषि क्षेत्र पर कोरोना का असर बेअसर रहा। बल्कि खरीफ की फसलों की बुवाई एक नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच चुकी है। उल्लेखनीय है कि साल 2020 के मौसम में अब तक 1,095.38 लाख हेक्टेयर में खरीफ फसलों की बुवाई होने का रिकॉर्ड स्तर सामने आया है।
केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय ने दावा किया है कि इस साल अच्छी बारिश, बीज, कीटनाशक, उर्वरक, मशीनरी और ऋण जैसे जरूरी सामान का समय से पहले इंतजाम हुआ है, इसलिए कोरोना महामारी के बावजूद भी खेती के रकबे के दायरे में वृद्धि संभव हुई है। देश के लगभग सभी हिस्सों में दलहन, मोटे अनाज, बाजरा और तिलहन फसलों की बुवाई खत्म हो चुकी है, लेकिन धान की बुवाई अभी भी जारी है। इसके अलावा कृषि मंत्रालय का कहना है कि चालू खरीफ सत्र के बुवाई के आंकड़ों को 2 अक्तूबर को अंतिम रूप दे दिया जाएगा। उल्लेखनीय है कि खरीफ फसलों की बुवाई का पिछला रिकॉर्ड साल 2016 में पेश किया गया था. तब किसानों ने कुल 1,075.71 लाख हेक्टेयर में खरीफ फसलों की बुवाई की थी।
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