मंडियों के डिजिटलाइजेशन से कृषि मार्केट को मजबूत बनाने में मिलेगी मदद

Share Product Published - 18 May 2020 by Tractor Junction

मंडियों के डिजिटलाइजेशन से कृषि मार्केट को मजबूत बनाने में मिलेगी मदद

ई-मंडियों से हुआ एक लाख करोड़ का कारोबार

सरकार द्वारा वन नेशन वन मार्केट योजना के तहत अब तक 1000 मंडियां ई-नाम पोर्टल से जुड़ चुकी है। हाल ही में, सरकार ने ई-नाम प्लेटफार्म से 962 मंडियों को ऑनलाइन किया है। इसमें 38 और नई मंडियों के नाम शामिल हो गए है। अब राष्ट्रीय कृषि बाजार ई-नाम प्लेटफार्म से 1 हजार मंडियों के जुड़ जाने से मंडी के ऑनलाइन कारोबार को गति मिलेगी। इस तरह एक ही प्लेटफार्म पर एक बड़ा राष्ट्रीय बाजार उपलब्ध होगा। इससे लेनदेन में तो पादर्शिता आएगी ही साथ ही किसानों को भी अपनी उपज का अधिक मूल्य मिल सकेगा। गौरतलब है कि वर्तमान समय में  ई-नाम पर फल, सब्जी, खाद्यान्न, तिलहन, रेशे समेत 150 वस्तुओं का व्यापार किया जा रहा है।

 

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सरकार का लक्ष्य 2022 तक किसानों की आय होगी दोगुनी

कृषि क्षेत्र को बेहतर बनाने के लिए केंद्र सरकार लगातार प्रयास कर रही है। सरकार का लक्ष्य है कि साल 2022 तक किसानों की आय दोगुनी की जा सके। इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार कृषि बाजार ई-नाम प्लेटफार्म को बढ़वा दे रही है। सरकार का मानना है कि देश की मंडियों के ई-नाम पार्टल से जुडऩे से कृषि मार्केटिंग को मजबूत बनाने में मदद मिलेगी। 

 

 

क्या है ई-नाम योजना

यह प्लेटफार्म कृषि व्यापार के लिए एक अनूठी पहल है, जो कि एक अखिल भारतीय इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग पोर्टल है। इसको 14 अप्रैल 2016 यानी 4 साल पहले शुरू किया गया था। उस समय इसमें केवल 21 मंडियां ही शामिल थीं. मगर अब ई-नाम प्लेटफॉर्म में 18 राज्य और 3 केंद्र शासित प्रदेश के नाम शामिल हैं। बता दें कि यह एक ऑनलाइन मार्केट प्लेटफ़ॉर्म है, ताकि देश में कृषि उत्पादों के लिए एक राष्ट्र एक बाजार उपलब्ध हो पाए। इस पोर्टल को मंडियों की अच्छी नेटवर्किंग के उद्देश्य से चलाया जा रहा है।

ई-नाम मंडियों का क्या है फायदा

  • फसल के लेन-देन में पारदर्शिता होती है।
  • फसल की गुणवत्ता के अनुसार कीमत मिलती है।
  • कृषि उत्पादों की गुणवत्ता के परीक्षण के लिए सुविधाएं प्रदान की जाती हैं।
  • ई-नाम मंडियों द्वारा किसानों की उपज को कई बाजारों और खरीदारों तक डिजिटल माध्यम से पहुंचाने में मदद मिलती है।
  • किसान अपने मोबाइल पर भी गुणवत्ता जांच रिपोर्ट देख सकता है। इसके साथ ही किसान मोबाइल से अपने लॉट की ऑनलाइन बोलियों की प्रगति भी देख सकता है।

 

एक लाख करोड़ रुपए का हुआ कारोबार

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बीते 14 मई 2020 तक सामूहिक रूप से ई-नाम प्लेटफ़ॉर्म पर 1 लाख करोड़ रुपए का कारोबार हुआ है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पिछले 4 साल में ई-नाम से करीब 1.66 करोड़ किसान, 1.31 लाख व्यापारी, 73,151 कमीशन एजेंटों और 1012 किसान उत्पादक संगठनों को उपयोगकर्ता आधार पर रजिस्टर्ड किया गया है।

 

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