Published - 09 Sep 2020 by Tractor Junction
डेयरी व्यवसाय में अग्रिणीय अमूल अब देश के विभिन्न राज्यों में डेयरी संयंत्र स्थापित करेगी। इसके अलावा अन्य उत्पादन जैसे- खाद्य तेल, बेकरी और आलू प्रसंस्करण संयंत्रों की भी स्थापना की जाएगी। इन सब पर करीब अमूल 1500 करोड़ रुपए का निवेश करने जा रही है। इससे कंपनी की उत्पादन क्षमता और विभिन्न राज्यों ब्रांड की पकड़ बनाने में मदद मिलेगी।
जीसीएमएमएफ के प्रबंध निदेशक आरएस सोढ़ी ने मीडिया को बताया कि कंपनी की दो साल के दौरान दुग्ध प्रसंस्करण संयंत्रों की स्थापना पर 1,000 करोड़ रुपए खर्च करने की योजना है। इसके अलावा 500 करोड़ रुपए नए उत्पादन जैसे- खाद्य तेल की सुविधाओं पर खर्च किए जाएंगे। सोढ़ी के अनुसार जीसीएमएमएफ को चालू वित्त वर्ष में राजस्व में 12 से 15 प्रतिशत वृद्धि की उम्मीद है। बीते वित्त वर्ष में कंपनी की आमदनी 38,550 करोड़ रुपए थी
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कोविड -19 के बावजूद अमूल डेयरी के उत्पादों की मांग बाजार में बढ़ी। इससे उत्साहित होकर कंपनी इस दिशा में और विस्तार करना चाहती है जिससे कंपनी को फायदा होने के साथ ही कंपनी का ब्रांड लोगों को आसानी से उपलब्ध हो सके। इस संबंध में सोढ़ी का कहना है कि कोविड-19 महामारी के बावजूद में हमें आमदनी में अच्छी बढ़ोतरी की उम्मीद है। इसकी वजह यह है कि ब्रांडेड खाद्य उत्पादों की मांग में इजाफा हुआ है। सोढ़ी ने बताया कि कंपनी अगले दो साल में विभिन्न राज्यों में डेयरी संयंत्र स्थापित करने पर करीब 1,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। उन्होंने कहा कि हम अपनी प्रसंस्करण क्षमता को 380 लाख लीटर लीटर प्रतिदिन से बढ़ाकर 420 लाख लीटर प्रतिदिन करेंगे।
नए कारोबार के बारे में सोढ़ी ने मीडिया को बताया कि अमूल ने मिठाई का विनिर्माण शुरू कर दिया है। बेकरी उत्पादों का उत्पादन भी शुरू किया गया है। सोढ़ी ने बताया कि जीसीएमएमएफ खाद्य तेल और आलू प्रसंस्करण के क्षेत्र में भी उतर चुकी है। खाद्य तेल का विपणन नए ब्रांड जन्मय के नाम से किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इसके तहत मूंगफली तेल, बिनौला तेल, सूरजमुखी तेल, सरसों तेल और सोयाबीन तेल का उत्पादन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि हमारे पास खाद्य तेल, बेकरी और आलू प्रसंस्करण के लिए पहले से कुछ संयंत्र हैं। हम अगले दो साल में नए संयंत्र स्थापित करने पर 400 से 500 करोड़ रुपए का निवेश करेंगे।
अमूल के द्वारा विभिन्न राज्यों में डेयरी संयंत्र सहित खाद्य तेल और आलू प्रसंस्करण के क्षेत्र में निवेश करने के पीछे मुख्य लक्ष्य किसानों की आय में इजाफा करना है। विभिन्न राज्यों में संयंत्र स्थापित होने से यहां के किसानों पशुपालकों को से दूध खरीद किए जाने से उन्हें लाभ होगा। वहीं रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। इस संबंध में सोढ़ी का कहना है कि डेयरी सहित अन्य उत्पादों के विस्तार के पीछे मकसद गुजरात और अन्य राज्यों के किसानों की आय बढ़ाना है। बता दें कि अमूल अपनी बेस्ट प्रोडक्ट क्वालिटी से देश में नंबर वन डेयरी प्रोडक्ट बनाने वाली कंपनी बनी हुई है। इसकी रोजाना की आमदनी 90 करोड़ रुपए से ज्यादा है।
देश को दूध उत्पादन में आत्मनिर्भर करने के साथ ही किसानों की दशा सुधारने के लिए वर्गीज कुरियन ने इसकी शुरुआत की। कुरियन को भारत का मिल्कमैन भी कहा जाता है। एक समय जब भारत में दूध की कमी हो गई थी, कुरियन के नेतृत्व में भारत को दूध उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में काम शुरू हुआ। उन्होंने त्रिभुवन भाई पटेल के साथ मिलकर खेड़ा जिला सहकारी समिति शुरू की। साल 1949 में उन्होंने गुजरात में दो गांवों को सदस्य बनाकर डेयरी सहकारिता संघ की स्थापना की। भैंस के दूध से पाउडर का निर्माण करने वाले कुरियन दुनिया के पहले व्यक्ति थे। इससे पहले गाय के दूध से पाउडर का निर्माण किया जाता था।
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