प्रकाशित - 19 May 2025
ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
सरकार की ओर से शहरों के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़ाने की दिशा में काम किया जा रहा है। इसके लिए सरकार की ओर से कई तरह की योजनाएं शुरू की गई हैं। इन योजनाओं के जरिये किसानों, युवाओं और रोजगार चाहने वालों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। ऐसे में बिजनेस करने के इच्छुक किसान और युवा, अन्य लोग गांव में ही रहकर सरकार की इन योजनाओं का लाभ उठाकर किराना स्टोर, डेयरी, मैन्युफैक्चरिंग यूनिट, ऑनलाइन स्टार्टअप या कुटीर उद्योग शुरू करके अच्छी कमाई कर सकते हैं। केंद्र सरकार की इन योजनाओं में बिना गारंटी लोन, सब्सिडी और ट्रेनिंग जैसी सुविधाएं प्रदान की जाती हैं। आइए जानते हैं सरकार की ओर से चलाई जा रहीं 4 प्रमुख योजनाओं के बारे में, जिनके जरिए गांव के लोग भी अपना बिजनेस शुरू कर सकते हैं।
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना की शुरुआत छोटे व्यापारियों और स्वरोजगार चाहने वालों को आर्थिक सहायता देने के उद्देश्य से की गई है। इस योजना के तहत 3 श्रेणियों में लोन दिया जाता है – शिशु लोन जिसमें 50,000 तक का लोन लिया जा सकता है। वहीं दूसरा किशोर लोन है जिसमें 50,000 से लेकर 5 लाख रुपए तक लोन प्राप्त किया जा सकता है। इसके अलावा तीसरा लोन, तरुण लोन हैं जिसके तहत 5 लाख रुपए से लेकर 10 लाख रुपए तक का लोन लिया जा सकता है। खास बात यह है कि इस लोन के लिए किसी भी प्रकार की गारंटी या सिक्योरिटी देने की आवश्यकता नहीं होती है।
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत छोटे दुकानदार, कारीगर, सर्विस प्रोवाइडर व ग्रामीण महिला उद्यमी प्राप्त कर सकते हैं। यदि कोई व्यक्ति गांव में किराना स्टोर, साइकल रिपेयरिंग सेंटर, कपड़ों की दुकान, या मसाले पीसने की यूनिट खोलना चाहता है, तो वह मुद्रा योजना के तहत लोन लेकर अपना काम शुरू कर सकता है।
ग्रामीण इलाकों में रहने वाले अधिकांश लोग खेती व पशुपालन का काम करते हैं। किसान खेती के साथ ही पशुपालन करके अपनी आमदनी में बढ़ोतरी कर सकते हैं। इसके लिए सरकार की ओर से राष्ट्रीय पशुधन मिशन योजना चलाई जा रही है। इस योजना के तहत सरकार की ओर से डेयरी फार्मिंग, बकरी पालन, मुर्गी पालन जैसे व्यवसायों को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके लिए किसानों और ग्रामीण उद्यमियों को सब्सिडी और लोन दोनों उपलब्ध कराए जाते हैं। योजना के तहत डेयरी यूनिट शुरू करने के लिए 25 से 50 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जाती है। वहीं समय–समय पर पशुपालन विभाग की ओर से किसानों के लिए पशुपालन से जुड़े प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इस योजना के तहत महिला स्व–सहायता समूह को प्राथमिकता दी जाती है।
इस योजना का लाभ छोटे और सीमांत किसान, बेरोजगार युवा, महिला उद्यमी व स्व–सहायता समूह से जुड़ी महिलाएं उठा सकती हैं। यदि कोई किसान गाय, भैंस पालन या पोल्ट्री फार्म खोलना चाहता है, तो राष्ट्रीय पशुधन मिशन के तहत उसे लोन और सब्सिडी दोनों का लाभ मिल सकता है।
इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में स्वरोजगार को बढ़ावा देना है। प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP) के तहत यदि कोई व्यक्ति टेलरिंग यूनिट, आटा-चक्की, फर्नीचर वर्कशॉप, अगरबत्ती निर्माण या मसाले पीसने की यूनिट खोलना चाहता है, तो उसे सरकार द्वारा 25 से 35 प्रतिशत तक सब्सिडी मिलती है। इस योजना के तहत सेवा उद्योग के तहत 10 लाख रुपए तक का लोन, मैन्युफैक्चरिंग यूनिट के लिए 25 लाख रुपए तक का लोन मिल सकता है। योजना के तहत सामान्य श्रेणी के लाभार्थी को 25 प्रतिशत तथा अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, ओबीसी व महिला आवेदक को 35 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जाती है। योजना का संचालन खादी ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) द्वारा किया जाता है।
प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP) योजना का लाभ 18 साल से अधिक उम्र के युवा उठा सकते हैं। इसके लिए आवेदक का कम से कम 8वीं पास होना आवश्यक है। इस योजना का लाभ वही पात्र व्यक्ति ले सकता है जिसने पहले किसी सरकारी योजना के तहत सब्सिडी का लाभ प्राप्त नहीं किया हो।
यदि आपके पास कोई नया और इनोवेटिव आइडिया है, तो स्टार्टअप इंडिया योजना आपके और दूसरों के लिए एक बेहतरीन रोजगार का अवसर बन सकती है। इस योजना का उद्देश्य नवाचार को बढ़ावा देना और युवाओं को रोजगार देने के लिए सक्षम बनाना है। योजना के तहत रजिस्ट्रेशन करवाने वाले स्टार्टअप्स को तीन साल तक इनकम टैक्स में छूट, सरकारी ट्रेनिंग, निवेशकों से जुड़ने के अवसर और अन्य कई सुविधाएं मिलती हैं। इस योजना के तहत ऑर्गेनिक फार्मिंग, एग्रीटेक, ऑनलाइन बिजनेस (ई-कॉमर्स), ग्रामीण पर्यटन के क्षेत्रों को प्राथमिकता दी जाती है।
स्टार्टअप इंडिया योजना का लाभ उठाने के लिए, आपके पास एक कंपनी होनी चाहिए जो 5 साल से कम पुरानी हो और जिसका वार्षिक टर्नओवर 100 रुपए करोड़ से कम हो। ये कंपनी किसी भी भारतीय उद्यमी की हो सकती है जो प्रौद्योगिकी या बौद्धिक संपदा द्वारा संचालित अभिनव उत्पादों या सेवाओं का विकास और बिक्री करना चाहता है। यह योजना विशेष रूप से महिला उद्यमियों और एससी/एसटी श्रेणी के अंतर्गत आने वाले उद्यमियों के लिए सब्सिडी वाला लोन उपलब्ध कराती है। लोन की राशि 10 लाख रुपए से 1 करोड़ रुपए तक हो सकती है।
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